बिहार में पीएम मोदी की रैलियों पर अब तक 20 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए... तेजस्वी ने फिर कहा 'पॉकेटमार'
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में 2014 से अब तक मोदी की ऐसी 200 जनसभा हुई है और प्रत्येक पर 100 करोड़ रुपये खर्च किये गए। इस अवधि के दौरान कुल खर्च 20,000 करोड़ रुपये हुए हैं, जिस दौरान पांच (लोकसभा के तीन और विधानसभा के दो) चुनाव भी हुए हैं।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ‘पॉकेटमार’ संबंधी अपना बयान शनिवार को जारी रखते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों पर बिहार में अब तक 20,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। तेजस्वी ने कहा कि हमें उस व्यक्ति को क्या कहना चाहिए जो अपने प्रचार पर चालाकी से सार्वजनिक धन का इस्तेमाल करता है और ईमानदार व्यक्ति होने का दिखावा करता है...बेशक वह मददगार नहीं, बल्कि पॉकेटमार है।
तेजस्वी ने एक दिन पहले यह आरोप लगाते हुए सत्तारूढ़ एनडीए की आलोचना की थी कि ‘वंदे भारत’ ट्रेनों के अत्यधिक किराये ने मोदी को 'पॉकेटमार' जैसा बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में 2014 से अब तक मोदी की ऐसी 200 जनसभा हुई है और प्रत्येक पर 100 करोड़ रुपये खर्च किये गए। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘इस अवधि के दौरान कुल खर्च 20,000 करोड़ रुपये हुए हैं, जिस दौरान पांच (लोकसभा के तीन और विधानसभा के दो) चुनाव भी हुए हैं...सरकार द्वारा ऐसी कई सभाएं आयोजित की गई हैं, जबकि उनका उद्देश्य स्पष्ट रूप से चुनावी रहा है।’’
तेजस्वी ने आरोप लगाया, ‘‘हमें उस व्यक्ति को क्या कहना चाहिए जो अपने प्रचार पर चालाकी से सार्वजनिक धन का इस्तेमाल करता है...और ईमानदार व्यक्ति होने का दिखावा करता है...बेशक वह मददगार नहीं, बल्कि पॉकेटमार है।’’ शुक्रवार को मोदी बिहार के सिवान जिले में थे, जो इस साल राज्य का उनका पांचवां दौरा था। यह एक महीने से भी कम समय में उनका दूसरा और प्रधानमंत्री बनने के बाद से ‘‘51वां’’ दौरा था। राज्य में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा, "इस सरकार के पास कोई विजन नहीं है। हम सरकार को आईटी पार्क, एसईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र), औद्योगिक क्लस्टर, औद्योगिक पार्क, सेमीकंडक्टर कारखाने, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, टेक्सटाइल हब, शैक्षिक हब और स्वास्थ्य शहरों पर बोलने के लिए मजबूर करेंगे। सर्वांगीण विकास हमारा विजन है। सरकार इन विषयों पर ध्यान देने के लिए मजबूर होगी। नीतीश कुमार 20 साल तक रहे और पीएम मोदी पिछले 11 सालों से हैं। ऊपर बताई गई चीजें क्यों नहीं स्थापित हुईं? लेकिन जब तेजस्वी आएंगे तो वे इन सभी कामों को पूरा करेंगे।"
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