₹2000 के नोटों की वापसी उपभोक्ता मांग में आई तेजी, सोना-चांदी, महंगे मोबाइल और एसी खरीद रहे लोग- एसबीआई रिपोर्ट

2000 रुपए के नोट की वापसी से उपभोक्ता मांग में खासी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक लोग 2000 रुपए के नोट से सोना-चांदी, महंगे मोबाइल फोन और एसी जैसे घरेलू उपकरण खरीद रहे हैं। साथ ही रियल एस्टेट में भी निवेश बढ़ा है।

₹2000 के नोटों से सोना-चांदी खरीदने में तेजी आई है (फोटो - Getty Images)
₹2000 के नोटों से सोना-चांदी खरीदने में तेजी आई है (फोटो - Getty Images)
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आदित्य आनंद

2000 रुपए का नोट चलन से बाहर किए जाने की घोषणा के बाद उपभोक्ता मांग में तेजी आई है। यह बात स्टेट बैंक के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट ने कही है। स्टेट बैंक ने कहा है कि इन नोटों पर अगले कुछ माह में पाबंदी लगने के बाद से सोना-चांदी, एयरकंडीशनर, मोबाइल फोन और रियल एस्टेट में निवेश में तेजी दर्ज हुई है।

सोमवार को जारी स्टेट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता मांग में तेजी का सबसे बड़ा कारण 2000 रुपए के नोटों को लेकर की गई रिजर्व बैंक की घोषणा है। स्टेट बैंक के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा कि, “एक अनुमान के मुताबिक उपभोक्ता मांग में करीब 55,000 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है। इसका कारण यह है कि 2000 रुपए का नोट अभी भी कानूनी मुद्रा है, जबकि नोटबंदी के दौरान एक साथ 500 और 1000 रुपए के नोटों को गैरकानूनी घोषित किया गया था।” उन्होंने कहा कि हालांकि “आरबीआई ने लोगों से 2000 रुपए के नोट बैंक में जमा कराने या उन्हें  बैंक से बदलवाने की सलाह दी है, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में लोग आभूषण, रियल एस्टेट, महंगे मोबाइल फोन और एयरकंडीनशर जैसे महंगे घरेलू उपकरण खरीद रहे हैं।“

एसबीआई ने कहा है कि 2000 के नोट बंद करने के फैसले का असर विभिन्न सेक्टर में दिख रहा है। पेट्रोल पंपों पर नकद में खरीदारी बढ़ गई है और ज्यादातर लोग 2000 के नोट से ही तेल खरीद रहे हैं।

ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने भी कहा है कि पहले जहां प्रतिदिन की खरीदारी में 40 फीसदी लेनदेने डिजिटल तौर पर होता था, जो हाल के दिनों में 10 फीसदी रह गया है, और नकद तेल बिक्री में काफी उछाल दर्ज हुआ है।

इसके अलावा कैश-ऑन-डिलीवरी ऑर्डर में भी बढ़ोत्तरी हुई है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले एग्रीगेटर जोमैटो के मुताबिक उसके 75 फीसदी ग्राहक कैश-ऑन-डिलीवरी ऑर्डर कर रहे हैं और भुगतान 2000 रुपए के नोटों से कर रहे हैं।


स्टेट बैंक की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ई-कॉमर्स, फूड डिलीवरी और ऑनलाइन ग्रोसरी सेवाओं में कैश-ऑन-डिलीवरी का विकल्प बढ़ रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धार्मिक संस्थानों और मंदिरों आदि में भी 2000 रुपए के नोट से दान देने में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अलावा लोग बुटीक फर्नीचर आदि पर भी खर्च कर रहे हैं जोकि आम फर्नीचर के मुकाबले महंगा होता है।

स्टेट बैंक का अनुमान है कि करीब 55,000 करोड़ रुपए लोगों ने बाहर निकाले हैं, जबकि बैंकों में कुल मिलाकर अभी तक करीब 92,000 करोड़ रुपए 2000 रुपए के नोटों के जरिए जमा हुए हैं। इससे चलन से मांग बढ़ी है और पैसे का सर्कुलेशन में तेजी आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि “इस पूरे लेनदेन से प्राइवेट फाइनल कंजम्पशन में करीब 1.83 लाख करोड़ का इजाफा होगा, जिसके प्रभाव से वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही की जीडीपी 8.1 फीसदी रह सकती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पूरे वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान 6.5 फीसदी हो सकता है।“

रिपोर्ट के मुताबिक 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने से अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ने, संभावित रूप से ईंधन की खपत और जीडीपी वृद्धि को प्रभावित करने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, "विभिन्न क्षेत्रों में इस फैसले का क्या असर होगा और देश के आर्थिक परिदृश्य पर इसका क्या पूरा असर होगा, यह अभी देखना बाकी है।"

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