राम मंदिर के लिए सौंपा गया 2,400 किलो का घंटा, दस किमी तक जाएगी आवाज, 21 दिन लगे बनाने में
घंटा अष्टधातु का है, जिसमें पीतल, कांस्य, तांबा, एल्युमिनियम, लोहा, स्वर्ण, चांदी और जस्ता शामिल हैं। एक निश्चित मात्रा में इन अष्टधातुओं का उपयोग किया गया है।
![फोटो: Ians](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2024-01%2F03fcc453-34b5-41a2-bf5c-eee6d792999c%2F202401103103671.jpg?auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
यूपी के एटा के जलेसरवासियों की तरफ से बुधवार को राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को 2,400 किलो का घंटा सौंपा गया। दावा किया जा रहा है कि एक ही ढलाई में बने इस घंटे की आवाज दस किलोमीटर तक जाएगी। इसके साथ ही 51 किलो के सात और घंटे भी सौंपे गए।
दरअसल, अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। श्रीराम के भव्य मंदिर में उत्तर प्रदेश के एटा की पहचान भी दिखेगी।
घंटा अष्टधातु का है, जिसमें पीतल, कांस्य, तांबा, एल्युमिनियम, लोहा, स्वर्ण, चांदी और जस्ता शामिल हैं। एक निश्चित मात्रा में इन अष्टधातुओं का उपयोग किया गया है। 2,400 किलो का घंटा बनने में 21 दिन लगे। पीतल पिघलाकर सांचे में डालने का काम एक दिन में हुआ।
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