यूपी में कोरोना सुरक्षा किट मांगने पर 26 हेल्थ वर्कर बर्खास्त, इधर सम्मान में थाली-ताली बजवाते रह गए पीएम

देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के पीड़ितों के इलाज में लगे कई डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी अब इसकी चपेट में आने लगे हैं। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने की लगातार खबरें आ रही हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में बांदा के राजकीय मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिग के जरिए रखे गए 26 स्वास्थ्यकर्मियों को शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। ये सभी कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में लगाए जाने पर कोरोना सुरक्षा किट की मांग को लेकर पिछले दो दिनों से हड़ताल पर थे।

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक अज्ञात गुप्ता ने राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के प्राचार्य के नाम शुक्रवार को लिखे पत्र में बर्खास्त किए गए 26 आउटसोर्सिग स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा है, "आप लोगों द्वारा देश में मौजूद विषम हालात के बावजूद मनमाने तरीके से हड़ताल की जा रही है, जबकि वर्तमान समय में प्रदेश में एस्मा कानून लागू है। आपके इस कृत्य से राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। अत: अनुबंध के आधार पर सभी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं।"

वहीं इस एकतरफा कार्रवाई पर बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मियों में रोष है। बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मी प्रीति द्विवेदी ने आरोप लगाया, “राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कोरोना आइसोलेशन वार्ड में बिना सुरक्षा किट उपलब्ध कराए ही सभी आउटसोर्सिग कर्मियों की ड्यूटी लगाई थी। ऐसे में अपनी सुरक्षा को देखते हुए कोरोना सुरक्षा किट की मांग को लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मी दो दिन से हड़ताल पर थे। लेकिन कॉलेज प्रिंसिपल की साजिश की वजह से विभाग ने उनकी बर्खास्तगी की है, जिसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।”

गौरतलब है कि कांग्रेस समेत कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए उन्हें सुरक्षा किट उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 5 अप्रैल की रात देशवासियों से दीया जलाने की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए भी कांग्रेस ने कोरोना के खिलाफ लड़ रहे चिकित्सकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की उपलब्धता का मुद्दा उठाया। कांग्रेस ने पूछा कि “यह बताइए कि जिन चिकित्सकर्मियों के लिए आपने ताली और थाली बजवाई थी उन्हें निजी सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं मिल रहे हैं? इसकी जिम्मेदारी किसकी है?''

बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन शाम में कोरोना पीड़ितों के इलाज में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में ताली और थाली बजाने का आह्वान किया था। पीएम के आह्वान पर कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद पूरे देश में लोगों ने जमकर ताली-थाली और शंख के साथ सड़कों पर निकलकर ढोल-नगाड़े भी बजाए थे।

लेकिन अब उन्हीं में से कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने जब अपनी जान की हिफाजत के लिए सुरक्षा किट की मांग कर दी तो उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने उन्हें नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया है। इससे साफ पता चलता है कि बीजेपी का मानना है कि ताली-थाली बजवाने तक सम्मान तो ठीक है, लेकिन कोरोना सुरक्षा किट मांगा तो सारा सम्मान भूल कर बर्खास्त कर दिए जाएंगे!

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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