दिल्ली: तीन बच्चियों की देश की राजधानी में भूख से तड़पकर मौत, देखता रहा समाज, कुछ नहीं कर सकी सरकार

बच्चियों के पिता मंगल रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालते थे। एक दिन किसी ने उनका रिक्शा चुरा लिया, उसके बाद वे बेरोजगार हो गए। मंगलवार सुबह को बच्चियों के पिता रोजगार ढूंढने के लिए निकले, उसी दिन तीनों बच्चियों की मौत हो गई।

फोटो: जहीब अजमल
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ज़हीब अजमल

दिल्ली के मंडावली में भूख से तीन बच्चियों की मौत से राजधानी समेत पूरा देश हैरान है। बच्चियों की मां की दिमागी हालत ठीक नहीं है कि वे कुछ बता सकें। वहीं बच्चियों के पिता दो दिन से लापता हैं। मंडावली में साकेत ब्लाक के गली नंबर 13 में तीनों बच्चियां अपने माता-पिता के साथ रहती थीं। आज उनके घर में सन्नाटा पसरा है। बच्चियों के पिता मंगल रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालते थे। एक दिन किसी ने उनका रिक्शा चुरा लिया, उसके बाद वे बेरोजगार हो गए। रोजगार की तलाश में वे इधर-उधर भटक रहे थे। फिलहाल वे कहां हैं, यह भी किसी को नहीं पता है।

फोटो: जहीब अजमल
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बच्चियों का घर

साकेत ब्लाक के गली नंबर 13 में पड़ोसियों ने बताया कि बच्चियों के पिता के बेरोजगार होने के बाद उनके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं थे। वे भूखे रहा करते थे। ऐसे में जब वे मकान का किराया नहीं चुका पाए तो शनिवार को मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया था। साकेत ब्लाक के गली नंबर 13 से शनिवार, 21 जुलाई को मकान मालिक द्वारा निकाले जाने के बाद बच्चियों के पिता के दोस्त ने मंडावली के पंडित चौक पर परिवार को शरण दी। इस दौरान परिवार के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था। मंगलवार सुबह को बच्चियों के पिता रोजगार ढूंढने के लिए निकले, उसी दिन तीनों बच्चियों की मौत हो गई। मंगलवार से बच्चियों के पिता घर नहीं लौटे हैं।

फोटो: जहीब अजमल
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बच्चियों के पड़ोसी

बच्चियों के पड़ोसी रूप सिंह ने नवजीवन से बात करते हुए बताया कि दो बच्चियां जिनकी उम्र 2 और 4 साल थी, वे कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत थी। जिस दिन तीनों बच्चियों की मौत हुई थी, उस दिन इनमें से एक बच्ची जो तीनों बहनों में सबसे बड़ी थी वह स्कूल भी गई थी। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बच्ची ने उस दिन मिड-डे मील नहीं खाया था, क्योंकि वह बीमार थी। स्कूल प्रबंधन ने यह भी बताया कि 8 साल की मानसी नर्सरी क्लास से उनके स्कूल में पढ़ने के लिए आया करती थी। वह जुलाई के महीने में सिर्फ दो दिन ही स्कूल में पढ़ने आई थी। मानसी फिलहाल पहली कक्षा में पढ़ती थी।

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एक बच्ची इसी स्कूल में पढ़ती थी 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चियों की मौत भूख की वजह से हुई है। वहीं फॉरेंसिक टीम भी पूरे मामले की जांच कर रही है। बच्चियां जहां रहती थीं, वहां से जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम को कुछ दवाइयों की बोतलें और टैबलेट मिले हैं, जो दस्त में लिए जाते हैं।

दिल्ली: तीन बच्चियों की देश की राजधानी में भूख से तड़पकर मौत, देखता रहा  समाज, कुछ नहीं कर सकी सरकार
तीन बच्चियों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

जब नवजीवन ने लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से बात करनी चाही तो उन्होंने व्यस्त होने का कारण बताकर बात करने से मना कर दिया। बता दें कि मंगलवार को जब तीनों बच्चियों की हालत बिगड़ी थी तो मंडावली के पंडित चौक से पड़ोसी बच्चियों को इसी अस्पताल में लेकर आए थे, जहां डॉक्टरों ने तीनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया था।

पुलिस का कहना है कि बच्चियां अचानक कैसे बीमार हो गईं, इस बात की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच चल रही है। वहीं इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है।

तीन बच्चियों की मौत से जहां हर कोई हैरान है, वहीं बीजेपी के नेता इस मामले में भी सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बीजेपी सांसद महेश गिरि ने कहा कि यह राशन घोटाला से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि बच्चियों को राशन से महरूम रखा गया, राशन नहीं मिलने की वजह से उनकी मौत हुई है। उन्होंने कहा कि बच्चियों की मौत के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन बच्चियों की मौत के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। महेश गिरि ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार 4 सालों से है, लेकिन वह गरीबों को राशन मुहैया कराने में नाकाम रही है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मंडावली में तीन बच्चियों की मौत सिस्टम फेल होने की वजह से हुई है। हमने इस संबंध में एकीकृत बाल विकास सेवा से एक रिपोर्ट मांगी है, तकि यह पता किया जा सके कि ये बच्चियां रिकॉर्ड में थीं कि नहीं। और अगर रिकॉर्ड में थीं तो इनकी मदद क्यों नहीं की गई।”

सिसोदिया ने कहा, “बच्चियों के परिवार को तुरंत 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। उनकी मां को अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अच्छा इलाज मिले। एक बार जब उनके पिता लौट आएंगे तो उन्हें और आर्थिक मदद दी जाएगी।”

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