स्कूल खुलने पर 71 फीसदी अभिभावक बच्चों को नहीं भेजेंगे पढ़ने, सर्वे में सामने आया कोरोना का खौफ

सर्वे में 34 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि अब स्कूलों में पढ़ाई अगले साल अप्रैल 2021 से ही शुरू होनी चाहिए। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि अभिभावाकों को लगता है कि अक्टूबर-नवंबर का मौसम कोविड-19 के साथ मिलकर बच्चों के लिए बेजा समस्याएं ला सकता है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

अगले महीने अक्टूबर में स्कूल खुलने के बाद भी 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। यह बात लोकल सर्कल्स के सर्वे में सामने आई है। इसके अनुसार, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते एक महीने में ऐसे अभिभावकों का प्रतिशत 23 से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है, जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। हाल में 21 सितंबर से अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद स्कूलों में उच्च वर्ग के छात्रों की उपस्थिति से पहले देश में स्कूल मार्च से ही बंद हैं।

वहीं सर्वे में केवल 28 प्रतिशत माता-पिता को ही लगता है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में फिर से स्कूल खुलना चाहिए। जबकि 34 फीसदी अभिभावकों का मत है कि अब स्कूलों में पढ़ाई अगले साल अप्रैल 2021 से ही शुरू होनी चाहिए। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि उत्तर भारत में कई अभिभावाकों को लगता है कि अक्टूबर-नवंबर का मौसम कोविड-19 के साथ मिलकर बच्चों के लिए बेजा समस्याएं ला सकता है।

बता दें कि भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या 60 लाख से अधिक हो गई है। रोजाना 80 हजार से अधिक नए मामले आ रहे हैं। मौतों की संख्या लगभग 1 लाख होने को है। लोग भ्रम में हैं कि वे घर पर ही रहें या बाजार, रेस्तरां, बार में जाएं या मेट्रो समेत अन्य परिवहन सेवाओं का उपयोग करें या न करें।

लोकल सर्कल्स ने स्कूलों के फिर से खुलने पर माता-पिता की नब्ज टटोलने के लिए एक सर्वेक्षण किया। इसमें देश के लगभग 217 जिलों के अभिभावकों से 14,500 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। इनमें टियर 1 से टियर 4 तक और ग्रामीण जिलों के भी अभिभावक शामिल हैं। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अक्टूबर में स्कूल खोले जाने पर क्या वे बच्चों को स्कूल भेजेंगे, इस सवाल पर 71 फीसदी अभिभावकों ने स्पष्ट तौर पर इनकार किया। केवल 20 फीसदी ने हामी भरी और 9 फीसदी इसे लेकर अनिश्चित दिखे।

इससे पहले लोकल सर्कल्स द्वारा अगस्त में किए गए ऐसे ही सर्वे में 23 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हामी भरी थी। दूसरे प्रश्न में अभिभावकों को मौजूदा हालात को देखते हुए त्यौहारी सीजन में स्कूल भेजने की बात पूछी गई तो 32 फीसदी ने कहा कि 31 दिसंबर, 2020 तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए, जबकि 34 फीसदी ने तो कहा कि सरकार को इस पूरे शैक्षणिक वर्ष में ही स्कूल नहीं खोलने चाहिए। यानी अब स्कूल अगले साल मार्च/अप्रैल में ही खोले जाने चाहिए। इस मंशा के पीछे आने वाला ठंड का मौसम प्रमुख वजह है।

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