मोरबी पुल हादसे में 9 लोग गिरफ्तार, कंपनी का मैनेजर, ठेकेदार, टिकट क्लर्क और गार्ड शामिल

रविवार की रात को हादसे के बाद मोरबी बी-डिवीजन थाने में मरम्मत, रख-रखाव और प्रबंधन एजेंसी, उसके प्रबंधकों और अन्य के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गयी थी। हालांकि पुलिस ने शिकायत में कंपनी के नाम का जक्र नहीं किया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम केबल पुल हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच पुलिस ने हादसे के बाद कार्रवाई करते हुए सोमवार को पुल हादसे के सिलसिले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अशोक यादव ने बताया कि अब तक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के दो प्रबंधकों, 2 बुकिंग क्लर्कों, मरम्मत कर्मियों के एक पिता-पुत्र की जोड़ी और तीन सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए प्रबंधकों की पहचान दीपक पारेख, दिनेश दवे के रूप में हुई और अन्य मनसुख टोपिया, महादेवभाई सोलंकी, प्रकाश परमार और उनके बेटे देवांग, अल्पेश गोहिल, दिलीप गोहिल और मुकेश चौहान हैं। आईजी अशोक यादव ने कहा कि पुलिस उन्हें अदालत में पेश करेगी और रिमांड की मांग करेगी।


रविवार की रात को हादसे के बाद मोरबी बी-डिवीजन थाने में मरम्मत, रख-रखाव और प्रबंधन एजेंसी, उसके प्रबंधकों और अन्य के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गयी थी। हालांकि पुलिस ने शिकायत में कंपनी के नाम का जक्र नहीं किया था। अजंता मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने 35 साल के लिए केबल ब्रिज के नवीनीकरण, रखरखाव और प्रबंधन के लिए एक पट्टे पर हस्ताक्षर किए हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि अजंता को ऐसे विशेष पुलों के निर्माण और नवीनीकरण में बहुत कम अनुभव है और इसके विपरीत, कंपनी घड़ियों और सीएफएल और एलईडी बल्ब निर्माण का कार्य करती है। खेड़ा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल इस दुखद घटना की नैतिक जिम्मेदारी लें और पद से इस्तीफा दें।

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