#9baje9minute : ‘जब दीप जले आना...’ से लेकर ‘दीये जलते हैं...’ तक, हिंदी फिल्मों में दीया...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को हराने के लिए रविवार को 9 बजे 9 मिनट तक दीया जलाने का आह्वान किया है। चलिए इस मौके हम आपके सामने रख रहे हैं कुछ ऐसे हिंदी फिल्मों के गीत जिनका केंद्र दीया या दीपक है

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री का आह्वान है तो फिर देश करेगा ही....रविवार 5 अप्रैल को रात 9 बजे, घर की सारी बत्तियां बंद होंगी, लोग दरवाजों पर बालकनी में रात 9 बजे 9 मिनट तक दीया जलाएंगे....

हिंदी फिल्मी संगीत में कई गीत हैं जिनका केंद्र दीपक, दीया या दीप है। हम आपको सबसे पहले सुनाते हैं किशोर कुमार का मशहूर गीत, ‘दीये जलते हैं....’

उम्मीद है आपको 1973 में रिलीज हुई ‘नमक हराम’ नाम की फिल्म का यह गीत पसंद आया होगा। इस गीत को जैसा आप समझ ही गए होंगे किशोर दा ने गाया है और संगीत दिया था पंचम यानी आर डी बर्मन ने। इस फिल्म के डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी थे।

अब आपको एक और खूबसूरत गीत सुनाते हैं, चलिए पहले गीत सुनिए फिर आपको बताएंगे इस गीत के बारे में...


तो सुना आपने...यह गीत है फिल्म ‘चितचोर’ का जो 1976 में रिलीज हुई थी। इस गीत को गाया है येशुदास और हेमलता ने, और संगीत दिया है रवींद्र जैन ने। फिल्म के डायरेक्टर थे बासु चटर्जी। रवींद्र जैन वही संगीतकार हैं जिन्होंने धारावाहिक रामायण में भी संगीत दिया था, जो इन दिनों दूरदर्शन पर फिर से प्रसारित हो रहा है।

अब एक और गीत आपके सुनाते हैं, जिसका केंद्र शब्द दीप है...और यह गीत है कहीं दीप जले कहीं दिल....सुनिए गीत


यह खूबसूरत गीत है 1962 में रिलीज हुई फिल्म ‘20 साल बाद’ का। इसे लता मंगेशकर ने गाया है। इस फिल्म में वहीदा रहमान और विश्वजीत मुख्य भूमिका में थे। इस गीत को लिखा था शकील बदांयूनी ने और संगीत दिया था हेमंत कुमार ने।

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