सरकारी अस्पताल में डेढ़ साल तक डॉक्टरी करता रहा 'मुन्नाभाई', गूगल सर्च से करता था इलाज

मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट की शिकायत मिलने पर पुलिस ने फर्जी डॉक्टर राम बाबू प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वह पिछले डेढ़ साल से नौकरी कर रहा था और मरीजों का बकायदा इलाज भी कर रहा था और कई ऑपरेशन में सर्जरी करने वाली टीम में भी शामिल था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

झारखंड के हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर का पता चला है। मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट की शिकायत मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फर्जी डॉक्टर, राम बाबू प्रसाद पिछले डेढ़ साल से नौकरी कर रहा था और मरीजों का बकायदा इलाज भी कर रहा था।

राम बाबू प्रसाद मूल रूप से बिहार के सारण जिला अंतर्गत मिल्की गांव का रहने वाला है। उसने हजारीबाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट के रूप में नौकरी के लिए जितने भी दस्तावेज दिए थे, सारे फर्जी पाए गए हैं। यहां तक कि उसने दस्तावेजों में अपने पिता का नाम और अपनी जाति भी गलत दर्ज कर रखा था।


मामले का खुलासा मंगलवार को तब हुआ, जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को इस बात की जानकारी मिली कि उसने चिकित्सक के रूप में अपने रजिस्ट्रेशन का जो नंबर दिया है, उसी रजिस्ट्रेशन नंबर का डॉक्टर राम बाबू प्रसाद नामक दूसरा शख्स मुजफ्फरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई कर रहा है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ बिहार से इस बारे में जानकारी मांगी गई तो इस बात की पुष्टि हो गई कि हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज में नौकरी कर रहे व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज जमा किये हैं। इस मामले का खुलासा होने के बाद वह हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से फरार हो गया था और शहर के विष्णुपुरी मुहल्ले में छिपकर रह रहा था।


जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वह अस्पताल में आने वाले मरीजों से उनके लक्षण पूछने के बाद गूगल सर्च करके उन्हें दवाइयां लिखता था। हैरत इस बात की है कि वह मरीजों की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल रहा है, लेकिन किसी ने भी उसकी मेडिकल जानकारी नहीं होने का नोटिस नहीं लिया।

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