गोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर ब्लास्ट के बाद लगी आग, हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत
गोवा के अरपोरा स्थित 'बिर्च बाय रोमियो लेन' क्लब में देर रात एलपीजी सिलेंडर ब्लास्ट से भीषण आग लग गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई। शुरुआती जांच में फायर सेफ्टी में लापरवाही सामने आई है।

गोवा के अरपोरा इलाके में रविवार देर रात एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। 'बिर्च बाय रोमियो लेन' नाम के रेस्टोरेंट-कम-नाइट क्लब में आधी रात को अचानक एलपीजी सिलेंडर फट गया और कुछ ही क्षणों में आग ने पूरे परिसर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। तेज लपटों और धुएं के गुबार के बीच वहां मौजूद लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। इस दुर्घटना में कुल 25 लोगों की जान चली गई।
किचन में धमाका, बेसमेंट धुएं से भरा
रात करीब 12 बजे क्लब के किचन एरिया में सिलेंडर ब्लास्ट हुआ। आग तेजी से पूरे किचन में फैल गई और फिर धुआं नीचे के बेसमेंट में जाने लगा। उस समय बेसमेंट में बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे, जो रूटीन काम में व्यस्त थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगते ही लोगों में घबराहट फैल गई। कई कर्मचारी बाहर निकलने की बजाय बेसमेंट की ओर भाग गए, जबकि वहीं धुआं तेजी से भर रहा था। ऐसे में ज्यादातर की मौत दम घुटने से हो गई। तीन लोगों के शव गंभीर रूप से झुलसे हुए मिले।
सीएम सावंत और विधायक लोबो घटना स्थल पर पहुंचे
घटना की जानकारी मिलते ही गोवा पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। कई घंटे की कोशिश के बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया और बांबोलिम के सरकारी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इसे राज्य के लिए “बहुत दर्दनाक दिन” बताया। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में क्लब द्वारा फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं करने की जानकारी मिली है। सीएम ने स्पष्ट किया कि पूरे मामले की गहन जांच होगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय विधायक माइकल लोबो भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह हादसा सिर्फ लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हुआ। लोबो ने सभी क्लबों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराने की मांग की। उनके मुताबिक, मृतकों में कुछ पर्यटक भी थे, जबकि बाकी स्थानीय लोग थे, जो क्लब में काम करते थे।
पुलिस ने क्या कहा?
गोवा पुलिस के मुताबिक, "नॉर्थ गोवा के अरपोरा में रोमियो लेन के नाइट क्लब में भीषण आग लग गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 4 टूरिस्ट थे, 14 स्टाफ मेंबर थे और 7 की पहचान अभी नहीं हो पाई है। 6 लोग घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की जांच जारी है। कानूनी कार्रवाई की जा रही है।"
गोवा के डीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम को रात 12:04 बजे आग की सूचना मिली थी। इसके बाद तुरंत राहत टीमें भेजी गईं।
शुरुआती जांच के मुताबिक,
क्लब में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे
सिलेंडर ब्लास्ट को ही आग का मुख्य कारण माना जा रहा है
क्लब मैनेजमेंट की लापरवाही की पुष्टि के बाद कड़ी कार्रवाई की तैयारी है
सरकार की ओर से सभी नाइट क्लबों को नोटिस जारी करने की भी तैयारी है, जिसमें उनसे फायर सेफ्टी से जुड़े दस्तावेज और अनुमतियां दिखाने को कहा जाएगा। जिन क्लबों में नियमों का पालन नहीं पाया जाएगा, उनके लाइसेंस रद्द किए जाने की संभावना है।
पिछले साल खुला था क्लब
जिस क्लब में यह धमाका हुआ, वह अरपोरा का एक जाना-माना पार्टी वेन्यू था। पणजी से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान पिछले साल ही खोला गया था और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया था।
लेकिन इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि गोवा जैसे पर्यटन राज्य में सुरक्षा तैयारियों को लेकर कितनी गंभीरता बरती जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल
अरपोरा की यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सुरक्षा खामियों की खुली तस्वीर है। दम घुटने से हुई अधिकांश मौतें बताती हैं कि क्लब में आपात स्थिति से निपटने की सुविधाएं पर्याप्त नहीं थीं।
सरकार ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि भीड़भाड़ वाले स्थानों पर फायर सेफ्टी, आपातकालीन निकास और स्टाफ प्रशिक्षण जैसे मुद्दे सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी से जुड़े जरूरी कदम हैं।