प्रयागराज महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर संगम में डुबकी लगाने उमड़ा आस्था का सैलाब, नाकाफी साबित हो रहे सारे इंतजाम!

एक महिला ने कहा कि यहां सवारी गाड़ियों की बहुत समस्या है। बुजुर्गों के लिए कोई साधन नहीं है। न ही रास्ता पता चलता है। हम कहां और किस तरफ जा रहे हैं, कुछ पता ही नहीं चलता है। कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। बहुत भीड़ है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रयागराज महाकुंभ में माघी पूर्णिमा के मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु, संत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यातायात के नियम लागू किए हैं, लेकिन इसके बावजूद लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जाम की समस्या बनी हुई है, जिससे स्थानीय लोगों और बाहर से आए श्रद्धालुओं को खासी दिक्कत हो रही है।

राजस्थान से आए कृष्ण कुमार ने बताया, “यहां भीड़ बहुत ज्यादा है। सरकार ने व्यवस्थाएं तो कर रखी हैं, लेकिन फिर भी हालात बहुत मुश्किल हो गए हैं। हमने दो महीने पहले ट्रेन में रिजर्वेशन कराया था, फिर भी हमें पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। हमें खड़े होकर सफर करना पड़ा। यहां पहुंचने के बाद भी समस्या बनी रही। ट्रेन से उतरने के बाद गाड़ी वाले मनमाने दाम वसूल रहे हैं।”

एक महिला ने कहा, "यहां सवारी गाड़ियों की बहुत समस्या है। बुजुर्गों के लिए कोई साधन नहीं है। न ही रास्ता पता चलता है। हम कहां और किस तरफ जा रहे हैं, कुछ पता ही नहीं चलता है। कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। बहुत भीड़ है।"

दिल्ली से आए एक श्रद्धालु ने कहा, “यहां सवारी गाड़ियों की भारी किल्लत है। इसके अलावा काफी मिस मैनेजमेंट भी देखने को मिल रहा है। किराया बहुत ज्यादा लिया जा रहा है, लेकिन सुविधाएं नाममात्र ही हैं। सरकार ने इस अव्यवस्था को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।” एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “बुजुर्गों के लिए कोई साधन नहीं है। न ही रास्ते की सही जानकारी मिल रही है। इतनी ज्यादा भीड़ है कि कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है कि हम कहां जा रहे हैं।”

एक व्यक्ति ने कहा, “भीड़ इतनी अधिक है कि व्यवस्था संभालना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन ने ट्रैफिक नियमों को सख्त किया है, लेकिन इतनी अधिक भीड़ के आगे सभी व्यवस्थाएं छोटी पड़ गई हैं।”

महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे सड़कों पर जाम लगना आम हो गया है। स्थानीय प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि किसी को असुविधा न हो। अनुमान है कि आज करीब ढाई करोड़ लोग स्नान कर सकते हैं।

सोमवार शाम 4 बजे तक 48.83 मिलियन से अधिक लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला मैदान में आने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 38.83 मिलियन तक पहुंच गई है, जबकि क्षेत्र में रहने वाले कल्पवासियों की संख्या 10 मिलियन को पार कर गई है। आने वाले दिनों में और अधिक शुभ स्नान तिथियों के साथ, मेले के आगे बढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के लिए एक सुचारू और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित करने के लिए भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए व्यापक सुरक्षा और प्रशासनिक उपाय किए हैं।

अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि आज माघी पूर्णिमा का स्नान है। इस बार मेले में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ी है। स्नान चल रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।"

प्रयागराज के डीआईजी वैभव कृष्ण ने भी माघ पूर्णिमा के स्नान के लिए श्रद्धालुओं के आने की जानकारी देते हुए कहा, "माघ पूर्णिमा के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। हमारी तैयारियां बहुत अच्छी हैं। सब कुछ नियंत्रण में है। पार्किंग, ट्रैफिक डायवर्जन, सब कुछ चालू है। श्रद्धालु नियमों का पालन कर रहे हैं।" श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने क्षेत्र में 'नो व्हीकल' जोन घोषित कर दिया है। निजी और सार्वजनिक वाहन निर्धारित पार्किंग में खड़े किए जाएंगे और केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को ही प्रवेश की अनुमति होगी। साथ ही कल्पवासियों के वाहनों पर भी प्रतिबंध की घोषणा की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

पौष पूर्णिमा (13 जनवरी, 2025) से शुरू हुआ महाकुंभ 2025 दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है, जिसमें दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं। यह भव्य आयोजन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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