झारखंड के रामगढ़ में सीसीएल के माइंस में चाल धंसा, 4 लोगों की मौत, 6 घायल, दो की हालत गंभीर
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने करमा प्रोजेक्ट कार्यालय के गेट के समीप शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनकी मांग है कि सीसीएल द्वारा जब तक उचित मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक शव को नहीं हटाया जाएगा। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

झारखंड के रामगढ़ जिले के कुजू ओपी क्षेत्र में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां सीसीएल करमा प्रोजेक्ट के खुले खदान में चाल धंसने से चार लोगों की मौत हो गई। जबकि, 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुट गई। घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसमें एक का पैर बुरी तरह चोटिल हुआ है। वहीं, दूसरी गंभीर महिला की कमर टूट गई है।
सभी सीसीएल करमा प्रोजेक्ट में अवैध रूप से कोयला निकालने गए थे। हादसे के बाद ग्रामीणों और जेएलकेएम कार्यकर्ताओं ने सीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इन लोगों का कहना है कि यह घटना प्रबंधन की लापरवाही की वजह से घटी है। अगर लोगों को गैरकानूनी तरीके से खुदाई का मौका नहीं मिलता तो ऐसी घटना नहीं होती।
जेएलकेएम के केंद्रीय महासंगठन मंत्री रवि महतो ने कहा, "चाल धंसने की घटना को लेकर हम लोग धरने पर बैठे हुए हैं। सीसीएल की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है। हम लोगों ने देखा कि माइंस में किसी प्रकार की सेफ्टी नहीं है। माइंस के चारों तरफ हाई वॉल होनी चाहिए थी। उसके ऊपर दो फीट की वायर फेंसिंग होनी चाहिए थी, वो नहीं है। इसके साथ ही यहां पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं हैं।"
वहीं, घटना की सूचना पाकर पहुंचे लोगों ने घायलों को बाहर निकाला और इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। मलबे में दबे एक व्यक्ति को जेसीबी और शॉवेल मशीन से बाहर निकाला गया। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने करमा प्रोजेक्ट कार्यालय के गेट के समीप शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनकी मांग है कि सीसीएल द्वारा जब तक उचित मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक शव को नहीं हटाया जाएगा। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
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