मणिपुर में मानवता पर कलंक लगाता वीडियो – कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर कराई गई परेड

महिला उत्पीड़न को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब अभी तक न तो राज्य सरकार के पास हैं और न ही केंद्र सरकार के पास। लेकिन इस वीडियो ने हृदय को विचलित कर दिया है वहीं केंद्र सरकार के निष्ठुर और शर्मनाक संवेदनहीन रवैये को एक बार फिर उजागर किया है।

वीडियो ग्रैब
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नवजीवन डेस्क

करीब 80 दिनों से हिंसा में झुलस रहे मणिपुर से सिहरा देने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में जो कुछ नजर आ रहा है वह न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करता है, बल्कि पूरी मानवता के लिए कलंक है। वीडियो में एक भीड़ जिसमें सारे पुरुष ही नजर आ रहे हैं, दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं। इस दौरान वे न सिर्फ महिलाओं के अंगों से छेड़छाड़ कर रहे हैं बल्कि उनके चेहरों पर एक दुस्साहसी भाव भी है। कथित तौर पर दोनों महिलाएं कुकी समुदाय की हैं, और दावा किया जा रहा है कि भीड़ में शामिल लोग मैतेई समुदाय से हैं।

न्यूज पोर्टल स्क्रोल ने इस हमले की पीड़ित एक महिला से बात की है। महिला ने बताया है कि यह घटना 4 मई 2023 को कांगपोकपी जिले के उसके गांव बी फैनोम की है। यानी जिस दिन 3 मई को मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष शुरु हुआ उसके अगले दिन की घटना है।

महिला ने स्क्रोल को बताया कि संघर्ष शुरु होने के बाद जब पता चला कि मैतेई समुदाय के लोग उसके गांव के आसपास के इलाकों में घरों में आग लगा रहे हैं तो उसका परिवार एक कीचड़ भरे रास्ते जान बचाने के लिए भागा। उसने बताया कि इसी बीच भीड़ ने उन्हें देख लिया और पकड़कर मगिलाओं की पिटाई शुरु की और उनके कपड़े उतरवाए। महिला के मुताबिक इस बीच उसके पड़ोसी और उनके दो बेटों को कुछ दूर ले जाकर उनकी हत्या कर दी गई।

महिला ने बताया कि निर्वस्त्र होने से इनकार करने पर उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर कपड़ने नहीं उतारे तो हत्या कर दी जाएगी। करीब 40 वर्षीय इस महिला ने बताया कि जान बचाने के लिए उन्होंने कपड़े उतारे। इस दौरान भीड़ में शामिल पुरुष उन्हें लगातार लात-घूंसो से मारते रहे और धक्के देते रहे। इस महिला ने बताया कि उनके साथ ही पड़ोस की एक 21 साल की युवती भी थी, उसके साथ क्या हो रहा था उसे नहीं मालूम क्योंकि वह वहां से कुछ दूर थी। महिला ने बताया कि निर्वस्त्र कर उसे नजदीक के धान के खेत में ले जाया गया, लेकिन उसका बलात्कार नहीं किया गया, हालांकि कुछ लोगों ने ऐसा करने की बात कही थी।


इस मामले में पुलिस में तभी शिकायत दर्ज कराई गई थी। महिला के रिश्तेदार ने स्क्रोल को बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने कांगपोकपी जिले के सैकुल थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की थी। स्क्रोल ने सैकुल थाने के अधिकारी से भी बात की है। इस अधिकारी ने वेबसाइट को बताया कि 800 से 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

संभवत: मणिपुर के रहने वाले एक शख्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस घटना का वीडियो जारी किया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि भीड़ महिला को निर्वस्त्र कर ले जा रही है और इस दौरान उसके साथ अश्लील हरकतें की जा रही हैं। इस शख्स का दावा है कि महिलाएं कुकी समुदाय की हैं और भीड़ मैतेई समुदाय से है।

इस वीडियो के सामने आने के बाद बेहद तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि “जब भारत के विचार पर हमला हो रहा है तो INDIA चुप नहीं बैठ सकता। हम मणिपुर के लोगों के साथ हैं। सिर्फ शांति ही आगे का रास्ता हो सकता है।”


वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि, “मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है। हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?”

इस बीच महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, “मानवता हजारों बार मर गयी। मणिपुर में जो हो रहा है वह गंभीर मानवाधिकार का उल्लंघन है और पूरी दुनिया उसको देख रही है।अगर बीजेपी सरकार महिलाओं को अपमानित होने और शर्मसार किए जाने से नहीं बचा सकती है उसे बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लगाने से क्या चीज मोदी को रोक रही है?”


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना को बेहद निंदनीय और शर्मनाक करार दिया है। उन्होने कहा कि “भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूँ कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें। इस वारदात की वीडियो में दिख रहे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।“

मणिपुर की हिंसा में लगातार उत्पीड़न का शिकार हो रही महिलाओं के मुद्दे पर पहली बार केंद्रीय महिला एंव बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि, “मणिपुर से सामने आया वीडियो बेहद भयावह, निंदनीय और अमानवीय है। मैंने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है, उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और भरोसा दिया कि इस विषय में इंसाफ देने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी जाएगी।”


भले ही केंद्रीय मंत्री ने आज इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है, लेकिन कुछ सवाल हैं जो केंद्र की मोदी सरकार और मणिपुर की बीजेपी सरकार से पूछना लाजिम हैं:

  •  घटना के 77 दिन गुजरने के बाद भी इस मामले की जांच अभी तक क्यों नहीं हो सकी है?

  • वीडियो में नजर आ रहे लोग साफ तौर पर देखे जा सकते हैं, इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

  • पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की है, इसका अर्थ है कि घटना राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय की जानकारी में भी है। ऐसे में अभी तक इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री की तरफ से कोई बयान क्यों नहीं आया?

  • इस घटना के शिकार परिवारों की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था की गई?

इस बीच पुलिस सुप्रिंटेंडेंट के मेघचंद्र सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि 4 मई की इस घटना के संबंध में जानकारी है और जांच जारी है। जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

लेकिन हालात और महिला उत्पीड़न को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब अभी तक न तो राज्य सरकार के पास हैं और न ही केंद्र सरकार के पास। लेकिन हकीकत यह है कि मणिपुर से आई खबर ने हृदय को विचलित कर दिया है वहीं केंद्र सरकार के निष्ठुर और शर्मनाक संवेदनहीन रवैये को एक बार फिर उजागर किया है।

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