आधार कार्ड से अब नहीं बनेगा बर्थ सर्टिफिकेट, योगी सरकार का फैसला, महाराष्ट्र में 2023 के बाद बने प्रमाणपत्र रद्द

उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है कि जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए आधार को अब आधार नहीं माना जाएगा। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त 2023 के बाद आधार को प्रमाण मानकर जारी बर्थ सर्टिफिकेट रद्द करने का आदेश जारी किया है।

सांकेतिक तस्वीर
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नवजीवन डेस्क

बीते कई वर्षों से, खासतौर से केंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से आधार कार्ड को लगभग हर जरूरी सरकारी काम के लिए अनिवार्य बना दिया गया है। बैंक में खाता खुलवाना हो, पासपोर्ट बनवाना हो, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन लेना हो, सरकार की किसी योजना का लाभ लेना हो, अस्पताल में इलाज कराना हो...हर जगह आधार की अनिवार्यता कर दी गई है। आधार की अनिवार्यता को लेकर तमाम एतराज भी उठाए गए, मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, लेकिन आधार एक जरूरी और अनिवार्य दस्तावेज के तौर पर स्वीकार्य कर दिया गया।

लेकिन अब बीजेपी शासित दो राज्यों ने आधार की अनिवार्यता को ऐसे मामलों में खत्म करने का ऐलान कर दिया है, जिससे असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है।

सबसे पहले बात बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश की। उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड अब जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यूपी सरकार ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को अब जन्म प्रमाण पत्र नहीं माना जाएगा। इस बाबत सरकार ने सभी संबंधित विभागों को भी निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार न किया जाए।

उत्तर प्रदेश में योजना विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि आधार कार्ड को अब से जन्म प्रमाण पत्र के रूप में मान्य नहीं माना जाएगा।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब देशभर में एसआईआर प्रक्रिया जारी है।

इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि अब जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं होगा। साथ ही अगस्त 2023 के अधिनियम संशोधन के बाद, केवल आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र रद्द कर दिए जाएंगे। सरकार ने कहा है कि अब बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड को जरूरी दस्तावेज नहीं माना जाएगा। यानी आधार कार्ड दिखाकर व्यक्ति का जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं होगा। सरकार ने तर्क दिया है कि यह फैसला अवैध उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फर्जी बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट को रोकने के लिए लिया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आधार कार्ड का इस्तेमाल करके जारी किए गए सभी संदिग्ध प्रमाण पत्र रद्द करने के आदेश दिए हैं।


महाराष्ट्र सरकार ने अब तक ये प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। राजस्व विभाग ने सभी तहसीलदारों, उप-विभागीय अधिकारियों, जिला आयुक्तों और संभागीय आयुक्तों को 16-सूत्रीय सत्यापन दिशानिर्देश जारी किए हैं। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सभी संदिग्ध दस्तावेजों को रद्द करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि आवेदक की जानकारी और आधार कार्ड की तारीख में कोई भी गड़बड़ी पाई गई तो पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति असल दस्तावेज पेश नहीं कर पाता है तो उसे भगोड़ा करार दे दिया जाएगा और उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।

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