आप सांसद संजय सिंह ने 'बचत उत्सव' को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की, ‘यह झपट उत्सव है'

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘बचत उत्सव’ नहीं, बल्कि ‘झपट उत्सव’ है। बजट के बाद कोई भी चीज सस्ती नहीं हुई है।’’

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को ‘बचत उत्सव’ को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की और उत्तर प्रदेश में ‘‘बुलडोजर की कार्रवाई को अन्याय’’ का प्रतीक बताया।

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ‘बचत उत्सव’ के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है और यह महंगाई तथा आर्थिक संकट से ध्यान भटकाने की एक रणनीति है।

एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि नोटबंदी काले धन और जाली नोटों पर रोक लगाने में विफल रही, जबकि आर्थिक क्रांति के रूप में प्रस्तुत किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने आम नागरिकों पर आर्थिक बोझ ही बढ़ाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कर की दरें पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दी गईं, फिर भी ‘एक राष्ट्र, एक कर’ का सपना अब तक अधूरा है। सरकार ने जीएसटी के तहत 127 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए और अब बचत के झूठे वादों के जरिए जनता को धोखा दे रही है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कोयला, निर्माण सामग्री और कागज पर कर वृद्धि ने जीवन यापन को और महंगा बना दिया है।’’


कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘बचत उत्सव’ नहीं, बल्कि ‘झपट उत्सव’ है। बजट के बाद कोई भी चीज सस्ती नहीं हुई है।’’

बरेली की हालिया घटना पर टिप्पणी करते हुए सिंह ने इसे ‘‘निर्दोषों को फंसाने की एक गहरी साजिश’’ करार दिया और कहा कि ‘आप’ की 16 सदस्यीय टीम सात अक्टूबर को पीड़ितों से मिलने बरेली जाएगी।

‘बुलडोजर कार्रवाई’ पर उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर गरीबों के घरों को ध्वस्त करना ताकत का प्रदर्शन नहीं, बल्कि अन्याय है।’’

भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए संजय सिंह ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे 183 दिनों तक जेल में रखा, लेकिन मैं जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा।’’

उन्होंने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग दोहराई और सरकार पर किसानों व मजदूरों की अनदेखी करते हुए उद्योगपतियों के हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।