राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे अभय चौटाला, बोले- आंदोलन कुचलने की चेष्‍टा हुई तो तख्ता पलट देगा देश का किसान

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे आईएनएलडी नेता अभय चौटाला ने कहा कि बीजेपी का विधायक हथियारबंद बदमाशों के साथ धरना स्थल पर आकर गुंडागर्दी करता है और पुलिस को कहता है कि धरनारत किसानों को आप नहीं हटाओगे तो हम हटाएंगे। यह नाकाबिले बर्दाश्त है।

फोटोः धीरेंद्र अवस्थी
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धीरेंद्र अवस्थी

इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला शनिवार को राकेश टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए आईएनएलडी नेता ने कहा कि बीजेपी का विधायक हथियारबंद बदमाशों के साथ धरना स्थल पर आकर गुंडागर्दी करता है और पुलिस को कहता है कि धरनारत किसानों को आप नहीं हटाओगे तो हम हटाएंगे। यह नाकाबिले बर्दाश्त है।

अभय चौटाला ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री किसानों के साथ बातचीत से तो आंदोलन समाप्त कर सकते हैं, लेकिन सरकार की तरफ से लाठी, डंडे, बंदूक और दबंगई दिखाकर किसान आंदोलन को कुचलने की चेष्टा करोगे तो यहां केवल यूपी, हरियाणा और पंजाब का किसान नहीं बल्कि पूरे देश का किसान आकर आपकी सरकार का तख्तापलट कर देगा। साथ ही केंद्र की सरकार को तीनों काले कृषि कानून खत्म करने और किसानों के हित के कृषि कानून बनाने पर मजबूर कर देगा। चौटाला ने कहा कि किसान पहले तो किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन अगर किसान को कोई छेड़ने की कोशिश करता है तो किसान उसे छोड़ता नहीं है।

अभय चौटाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने से पहले वायदा किया था कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो किसान को फसल की लागत का 50 फीसदी ज्यादा मुनाफा देंगे। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे। किसानों के कर्जे माफ कर देंगे और किसानों को खुशहाल कर देंगे। कोरोना महामारी के कारण देश आर्थिक तौर पर जब कमजोर हो रहा था, छोटे-बड़े उद्योग, स्कूल-कॉलेज, छोटे दुकानदार और बहुत सारे काम-धंधे बंद हो गए थे। उस वक्त अगर देश को किसी ने मजबूत किया तो केवल और केवल देश का अन्नदाता था। किसान कोरोना की चिंता किए बिना अपने खेत में काम करता रहा और उसने अपनी फसल की उपज को और अधिक मेहनत के साथ पकाकर देश के गरीब, आम आदमी का पेट भरने का काम किया। देश के प्रधानमंत्री ने स्वयं यह बात कही थी कि अगर देश आज आर्थिक रूप से मजबूत है तो उसमें सबसे बड़ा योगदान किसान का है।

अभय चौटाला ने आगे कहा कि “लेकिन बीजेपी सरकार ने अन्नदाता के साथ विश्वासघात करते हुए कोरोना की आड़ में किसानों को खत्म करने के लिए तीन काले कृषि कानून बना दिए। किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार ने आंदोलन को बदनाम करने के लिए उन्हें खालिस्तानी, आतंकवादी और देशद्रोही साबित करने की भरपूर कोशिश की। इसके बावजूद वह अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पाई।”

अभय चौटाला ने कहा कि जहां हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड को पर्व के रूप में मनाते हैं, वहीं बीजेपी सरकार साजिश रचकर किसानों पर चोरी, डकैती और लूटपाट के मुकदमे दर्ज कर रही थी। किसान कभी भी चोरी, लूटपाट जैसा घिनौना काम नहीं करता। उन्होंने यूपी के आंदोलन कर रहे किसानों को आश्वस्त किया कि हरियाणा का एक-एक व्यक्ति उनके साथ खड़ा है।

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