हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ अभय चौटाला हाईकोर्ट पहुंचे, दो दिन के निष्‍कासन को बताया असंवैधानिक

अभय चौटाला द्वारा स्‍पीकर से बोले गए "आप चोर उचक्‍कों को बचाना चाहते हैं, जो सारे प्रदेश को लूट कर खा गए" शब्द सदन की कार्यवाही से निकलवाए दिए गए थे, लेकिन अभय की ओर से दुष्‍यंत को सीधे बोले गए शब्‍दों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो सवाल खड़े करता है।

फोटोः सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा में इनेलो के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 21 फरवरी को उन्हें दो दिनों के लिए नेम किए जाने के फैसले के खिलाफ हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए गुरुवार को सुनवाई की तारीख तय कर दी है।

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन 21 फरवरी को सदन में अभय चौटाला का उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के साथ टकराव हो गया था, जिसके बाद स्पीकर ज्ञानचंद गुप्‍ता ने अभय चौटाला को नेम करते हुए उन्हें दो दिन के लिए सदन से निष्‍कासित कर दिया था। इस दौरान स्‍पीकर से भी अभय चौटाला की बहस हो गई थी।

निष्कासन नियमों के खिलाफ और असंवैधानिक

हाईकोर्ट में बुधवार को दायर याचिका में अभय चौटाला ने हरियाणा विधानसभा प्रक्रिया के नियम 104(क) और (ख) का हवाला देते हुए हाईकोर्ट को बताया कि विधानसभा स्पीकर ने गलत/असंवैधानिक और नियमों के विरूद्ध जाकर फैसला लिया है। विधानसभा प्रक्रिया की नियमावली 104(क) के तहत विधानसभा स्पीकर सदन चलने के केवल उसी दिन के लिए ही नेम कर सकता है। दूसरा, विधानसभा की नियमावली 104(ख) के तहत किसी भी विधानसभा सदस्य को नेम करने के लिए स्पीकर को सदन में एक प्रस्ताव पारित करवाना पड़ता है, लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव परित किए बगैर ही उन्हें सदन से दो दिन के लिए नेम किया गया।

अभय चौटाला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें 21 और 22 फरवरी के लिए निष्कासित किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की नियमावली को ताक पर रख कर ऐसा असंवैधानिक आदेश पारित किया है, इसलिए उन्हे मजबूरन हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट पर पूरा विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा। अभय चौटाला ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनके विरूद्ध सदन में जिस असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, उसके लिए उन्‍हें माफी मांगनी चाहिए।


दुष्‍यंत को कहा था सबसे बड़ा चोर   

हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन शून्‍यकाल में इनेलो विधायक अभय चौटाला ने हिसार एयरपोर्ट का मुद्दा उठाते हुए इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर सरकार पर ठगी का आऱोप लगाया था। उन्होंने इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर वहां एक बड़ा भू-माफिया खड़ा करने का आरोप लगाया था, जिसने एयरपोर्ट के साथ लगती बेशकीमती जमीनें कौड़िय़ों के भाव लेकर कंपनियों के नाम रजिस्ट्री करवा लीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आड़ में किन लोगों ने जमीनें खरीदी हैं, इसकी जांच करवाने की मांग की थी।

दुष्‍यंत ने पेश करवाया विशेषाधिकार हनन प्रस्‍ताव

चूंकि उड्डयन विभाग दुष्‍यंत चौटाला के पास है। इसलिए अभय का यह हमला सीधे दुष्‍यंत चौटाला पर था। दुष्‍यंत ने इस पर अभय पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया, जिसपर अभय ने दुष्‍यंत से कहा कि अगर वहां जमीन खरीदी हुईं तेरी कंपनी के नाम मिल गईं तो फिर क्‍या करेगा तू। तेरी अपनी कंपनी के नाम जमीनें खरीदी हुई हैं। औरों की बात तू क्‍या करता है। सबसे बड़ा चोर तो तू ही है। खा गया सारा प्रदेश लूट कर और खड़े होकर सफाई देता है। इस हमले से तिलमिलाए दुष्‍यंत चौटाला अपने विधायक जोगीराम सिहाग और मंत्री अनूप धानक के जरिये सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्‍ताव ले आए थे और स्‍पीकर ने अभय चौटाला को नेम करते हुए दो दिन के लिए विस की कार्यवाही से निष्‍कासित कर दिया था।

इसके बाद अभय चौटाला ने स्‍पीकर पर भी चोर उचक्‍कों को बचाने का आरोप लगाया था। बाद में सदन की कार्यवाही से अभय सिंह चौटाला द्वारा स्‍पीकर से बोले गए "आप चोर उचक्‍कों को बचाना चाहते हैं, जो सारे प्रदेश को लूट कर खा गए" शब्द सदन की कार्यवाही से निकलवाए दिए गए थे,  लेकिन अभय की ओर से दुष्‍यंत को सीधे बोले गए शब्‍दों के बारे में कुछ नहीं कहा गया था।

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