अपने पोर्ट पर 3 हजार किलो ड्रग्स पकड़े जाने के बाद अडानी पोर्ट ने लिया ये बड़ा फैसला

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से कंटेनर में रख कर आने वाले किसी भी माल को 15 नवंबर से अगले आदेश तक नहीं उतारा जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अफगानिस्तान से भेजे गए हजारों करोड़ रुपये के करीब 3000 किलोग्राम ड्रग्स की पिछले महीने गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा स्थित अडानी समूह संचालित बंदरगाह से हुई सनसनीखेज बरामदगी के बाद समूह ने एक परिपत्र जारी कर आगामी 15 नवंबर से तीन पड़ोसी मुल्कों से कंटेनर के जरिए इसकी ओर से संचालित किसी भी पोर्ट पर माल लाने पर रोक लगा दी है।

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से कंटेनर में रख कर आने वाले किसी भी माल को 15 नवंबर से अगले आदेश तक एपीएसईजेड संचालित बंदरगाहों के किसी भी टर्मिनल अथवा थर्ड पार्टी टर्मिनल पर नहीं उतारा जाएगा। यह परिपत्र पोर्ट का इस्तेमाल करने वालों ग्राहकों को सम्बोधित है। एपीएसईजेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रत त्रिपाठी की ओर से जारी इस परिपत्र में ऐसा करने का कोई कारण नहीं बताया गया है।


ज्ञातव्य है कि गत तीन सितंबर को इस बंदरगाह से डिरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेन्स यानी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने दो कंटेनर से कुल 2998 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किए थे जो मूलतः अफगानिस्तान से ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर लाकर वहां से भारत लाया गया था। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है और कस्टम और एनआईए समेत कई एजेंसियां इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कर रही हैं। इस घटना को लेकर देश के बड़े बंदरगाहों को निजी हाथों में सौपने की सरकारी नीति और अडानी समूह को खासी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। समझा जाता है कि इसी के मद्देनजर समूह ने यह कदम उठाया है।

अडानी समूह एपीएसईजेड के जरिए देश के छह तटीय राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, तमिलनाडु, केरल और गोवा में करीब 10 बंदरों पर एक दर्जन से अधिक टर्मिनल और लगभग 50 बर्थ का संचालन करती है। देश में कुल माल ढुलाई का क़रीब एक चौथाई इन्ही के माध्यम से होता है।

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Published: 12 Oct 2021, 9:01 AM