आदित्य ठाकरे ने राहुल गांधी स्टाइल में किया मुंबई की वोटर लिस्ट में बड़े 'घोटाले' का खुलासा

आदित्य ठाकरे ने मुंबई की वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर घोटाले का पर्दाफाश किया है। उन्होंने राहुल गांधी स्टाइल में प्रेजेंटेशन देते हुए चुनाव आयोग से इसका संज्ञान लेकर मतदाता सूची को दुरुस्त करने का आग्रह किया है।

मुंबई में वोटर लिस्ट घोटाले का प्रेजेंटेशन देते आदित्य ठाकरे (फोटो सौजन्य एक्स - @AUThackeray)
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नवजीवन डेस्क

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने खुलासा किया है कि मुंबई शहर की वोटर लिस्ट में 22,000 से ज्याजा गड़बड़ियां पाई गई हैं। उन्होंने राहुल गांधी स्टाईल में एक प्रेजेंटेशन देते हुए कथित तौर पर सारे सबूत पेश किए। उन्होंने वोटर लिस्ट स्कैम का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से स्थानीय निकाय चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

अपने प्रेजेंटेशन में आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि मुंबई की वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। उनका आरोप था कि बीएमसी चुनाव से पहले हजारों फर्जी वोटरों को मतदाता सूची में शामिल किया गया है। 

मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित पार्टी के निर्धार मेलावा में आदित्य ठाकरे ने बिग स्क्रीन पर अपनी प्रेजेंटेशन दिया। जिसमें तमाम किस्म की धांधलियां उजागर होती हैं।

अकेले वर्ली क्षेत्र में ही 22,000 गड़बड़ियां

आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने वर्ली निर्वाचन क्षेत्र में वोटर लिस्ट की जांच की। इससे सामने आया कि अकेले एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 22,000 के करीब गड़बड़िया हुई हैं। उन्होंने इसे बेहद चिंताजनक करार देते हुए चुनाव आयोग से मामले की जांच कर मतदाता सूची को दुरुस्त करने का आग्रह किया। साथ ही पारदर्शिता और जवाबदेही की भी मांग की।

उन्होंने मुंबई के शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपने इलाके के वार्ड में इसी किस्म की जांच करें और फर्जी वोटरों पर कड़ी नजर रखें।

(फोटो सौजन्य एक्स - @AUThackeray)
(फोटो सौजन्य एक्स - @AUThackeray)

फर्जी पते और वोटरों का पुनर्जन्म

आदित्य ठाकरे ने अपने प्रेजेंटेशन में निम्न मुख्य बातों को सामने रखा:

  • मतदाता का पुनर्जन्म: एक मतदाता नरहरि कुलकर्णी का नाम लोकसभा चुनाव की लिस्ट में नहीं था, लेकिन विधानसभा चुनाव की वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल कर लिया गया।

  • मतदाता पहचान पत्र गायब या डुप्लीकेट: मतदाता सूची की जांच में सामने आया कि कम से कम 28 वोटर वोटर ऐसे हैं जिनका मतदाता पहचान पत्र है ही नहीं, 133 वोटर एक जैसे पहचान पत्र के तहत दर्ज हैं, लेकिन नाम अलग हैं और 3,856 मतदाताओँ को दो-दो पहचान पत्र जारी किए गए हैं। इस तरह कुल 7810 मतदाताओं के नाम फर्जी प्रतीत होते हैं।

  • आंकड़ों की बाजीगरी: जांच में पाया गया कि 502 वोटरों के नाम उनके रिश्तेदारों के नाम की ही तरह हैं, 720 वोटरों सरनेम उनके पिता या पुत्र से मेल नहीं खाते, 643 नामों में लिंग अलग बताया गया है

  • उम्र और फोटो का मुद्दा: सूची में 113 वोटरों की उम्र 100 साल से ज्याजा बताई गई है जबकि बेशुमार मतदाताओं के फोटो या तो हैं नहीं या फिर पहचाने जाने लायक नहीं हैं।

  • फर्जी पते: मतदाता सूची का जमीनी स्तर पर जांच करने से सामने आया कि एक छोटे से कमरे में 38 वोटर पंजीकृत हैं, जबकि उस कमरे में अधिक से अधिक पांच लोग ही रह सकते हैं। इसी तरह घसीटाराम स्वीट शॉप के नाम की दुकान के पते पर 46 वोटर पंजीकृत हैं, जबकि कुछ दिनों पहले इस दुकान को ध्वस्त कर दिया गया है और वहां कोई नहीं रहता।


(फोटो सौजन्य एक्स - @AUThackeray)
(फोटो सौजन्य एक्स - @AUThackeray)

आदित्य ठाकरे ने इसे "मतदाता डेटा में हेरफेर करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास" बताते हुए कहा कि जो गलतियां सामने आई हैं वह महज त्रुटियां नहीं हैं बल्कि इनमें एक पैटर्न है जो बताता है कि प्रणालीगत तरीके से यह काम किया गया है। उन्होंने कहा कि "यह एक घोटाला है। मुंबई के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।" उन्होंने चुनाव आयोग से "तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई" करने का आग्रह किया।

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