कोबरापोस्ट के खुलासे के बाद डीएचएफएल के शेयर धड़ाम, मंगलवार को 31 हजार करोड़ घोटाले का हुआ था खुलासा

मंगलवार को समाचार वेबसाइट कोबरापोस्ट ने खुलासा किया था कि डीएचएफएल ने आम लोगों की कमाई के 31,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की और इससे निजी संपत्ति बनाई। इस खुलासे के बाद डीएचएफएल के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

कोबरा पोस्ट के एक खुलासे के बाद दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प (डीएचएफएल) के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। डीएचएफएल के शेयरों में बुधवार को 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज पर दोपहर बाद के सत्र में डीएचएफएल के शेयर में 7.50 फीसदी या 4.41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, हालांकि इंट्राडे ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी और यह 153.50 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले मंगलवार को 11 फीसदी की जोरदार गिरावट दर्ज की गई थी। बीएसई पर मंगलवार को कंपनी का स्टॉक 11 फीसदी की गिरावट के साथ 164.50 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया था।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही समाचार वेबसाइट कोबरापोस्ट ने खुलासा किया था कि डीएचएफएल ने आम लोगों की कमाई के 31,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की और इससे निजी संपत्ति बनाई। इसके लिए डीएचएफएल ने फर्जी कंपनियों का सहारा लिया। इतना ही नहीं फर्जी कंपनियों के जरिए पैसों का घोटाला कर उसे देश से बाहर भेजा और वहां संपत्तियों की खरीदी गई।

इतना ही नहीं कोबरापोस्ट के खुलासे दौरान यह भी पता चला था कि डीएचएफएल ने बीजेपी को दिए 20 करोड़ के चंदे को भी कम करके घोषित किया है। दावे के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 और 2016-17 में कंपनी ने बीजेपी को 19.5 करोड़ का चंदा दिया था। जांच में दावा किया गया है कि आरकेडब्ल्यू ने अपनी बैलेंस शीट में 2014-15 के दौरान किसी भी चंदे का जिक्र नहीं किया है। यह आरकेडब्ल्यू डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड, स्किल रियाल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और दर्शन डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए दिया गया। यह सभी कंपनियां वाधवान परिवार की हैं। इसी तरह स्किल रियाल्टर्स ने बी 2014-15 में बीजेपी को 2 करोड़ रुपए दिए, लेकिन अपनी बैलेंस शीट में जिक्र नहीं किया।

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हालांकि डीएचएफएल ने मंगलवार को कोबरापोस्ट के आरोपों का खंडन किया था और उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीनों में उसने अपने ऋणदाताओं की सभी देनदारियां चुकता की हैं, जो कि 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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