दिल्ली के बाद दहला श्रीनगर! पुलिस स्टेशन में हुआ ब्लास्ट, 9 की मौत, 25 से ज्यादा लोग घायल

यह हादसा फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक पदार्थ के नमूने लेते वक्त हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के लाल किला के पास हुए विस्फोट के बाद श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन परिसर में ब्लास्ट हुआ है। यह घटना शुक्रवार देर रात की ह। खबरों के अनुसार, यह हादसा फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक पदार्थ के नमूने लेते वक्त हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए।

सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि विस्फोट के बाद पुलिस स्टेशन में धुआं और आग की लपटें चारों ओर फैल गईं। घायल पुलिसकर्मियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के कुछ ही दिन बाद हुई है, जिसे केंद्र सरकार ने आतंकवादी हमला बताया था, जिसमें 13 लोगों की जान गई थी।

नमूने की जांच के दौरान ब्लास्ट

अधिकारियों के अनुसार, यह विस्फोट उस समय हुआ जब अधिकारी आतंकी मॉड्यूल मामले में जब्त किए गए विस्फोटकों के नमूने ले रहे थे। विस्फोट के समय ज्यादातर घायल पुलिसकर्मी और फोरेंसिक अधिकारी थे। विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिसकर्मी फरीदाबाद से लाई गई विस्फोटक सामग्री को संभाल रहे थे।

कई अधिकारियों ने किया घटनास्थल का दौरा 

सीआरपीएफ के आईजी पवन कुमार शर्मा, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने नौगाम पुलिस स्टेशन के पास के इलाके का दौरा किया। वहीं श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अक्षय लाबरू जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन के पास हुए विस्फोट में घायल हुए पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की।


विस्फोट स्थल से छह शव मिले, 24 पुलिसकर्मी और तीन नागरिक घायल

अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट के बाद मौके से छह शव बरामद किए गए हैं। ये शव, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष में भेजे गए हैं। जानकारी के अनुसार, विस्फोटक सामग्री उस 360 किलोग्राम विस्फोटक का हिस्सा थी, जो गिरफ्तार डॉक्टर मुज़म्मिल गनई के किराए के घर से बरामद की गई थी। यह विस्फोटक सामग्री जांच के तहत नमूने के रूप में ली जा रही थी।

विस्फोट में कम से कम 24 पुलिसकर्मी और तीन नागरिक घायल हुए हैं, जिन्हें शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। विस्फोट ने रात के सन्नाटे को चीरते हुए पुलिस स्टेशन की इमारत को नुकसान पहुंचाया। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया, लेकिन लगातार हो रहे छोटे-छोटे विस्फोटों के कारण बम निरोधक दस्ते के लिए बचाव अभियान चलाना बेहद कठिन हो गया।

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