अगर टेनी ने पहुंच गए होते इस कार्यक्रम में तो उत्तर प्रदेश में मुसीबत में घिर जाती बीजेपी और योगी सरकार

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी उत्तर प्रदेश में कहीं बीजेपी और योगी सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं, इस बाबत खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र ने उन्हें पेराई सत्र के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रहने का निर्देश दिया।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केंद्र सरकार उत्त प्रदेश में होने वाली सारी गतिविधियों को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। इसी क्रम में केंद्र ने सीएम योगी को एक मुसीबत में फंसने से बचाने की कवायद में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को एक कार्यक्रम में जाने से रोक दिया। टेनी वही मंत्री हैं जिनके बेटे पर लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप है। किसानों के अलावा समूचा विपक्ष भी टेनी की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी की मांग पर अड़ा है।

दरअसल लखीमपुर खीरी जिले में सरकारी सहकारी चीनी मिल का पेराई सत्र बुधवार को शुरु होना था। तय कार्यक्रम के मुताबिक इस सत्र का शुभारंभ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को करना था। लेकिन किसानों को जब इसकी जानाकारी हुई तो बवाल मच गया। लखनऊ में किसान पंचायत में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने खुलेआम चेतावनी दे दी कि अगर पेराई सत्र के उद्घाटन पर टेनी नजर भी आ गए तो गन्ना चीनी मिलों में नहीं, सीधे डीएम कार्यालय में उतारा जाएगा।

इस धमकी को यूपी सरकार और केंद्र सरकार ने शुरु में तो हलके में लिया। लेकिन जब उत्तर प्रदेश और केंद्रीय गृह मंत्रालय को खुफिया रिपोर्टें मिलीं की अगर टेनी कार्यक्रम में पहुंचे तो बड़ा बवाल हो जाएगा, दोनों सरकारें चिंतित हो गईं।

सूत्रों का कहना है, केंद्र को ऐसी खुफिया रिपोर्ट मिली कि मिश्रा अगर पिराई सत्र के शुभारंभ पर जाते हैं तो वहां बवाल मच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि किसान संगठनों के कई प्रतिनिधि अभी उत्तर प्रदेश में ही मौजूद हैं। खासतौर पर, राकेश टिकैत की चेतावनी डराने वाली थी। इसके बाद यूपी पुलिस से भी इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई थी।

केंद्र और राज्य की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बाद यह तय किया गया कि गृह राज्य मंत्री 'टेनी' को पिराई सत्र के उद्घाटन में नहीं जाना चाहिए। इससे किसानों के साथ दोबारा टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है।


कृषि कानूनों को भले ही वापस लेने का ऐलान कर दिया गया हो, लेकिन एमएसपी की मांग को लेकर किसान अभी भी आंदोलनरत हैं और बीजेपी से नाराज हैं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर जो आंकलन सामने आ रहे हैं उससे बीजेपी की चिंता और बढ़ गई है। ऐसे में किसानों के साथ एक नया टकराव उत्तर प्रदेश में बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के लिए मुसीबत बन सकता था। इसी को देखते हुए आनन-फानन टेनी को इस कार्यक्रम से दूर रखने का फैसला किया गया और पेराई सत्र का उद्घाटन जिलाधिकारी ने ही किया।

ध्यान रहे कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और दूसरे दलों के नेता भी लगातार अजय मिश्र की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री 'टेनी' के बेटे को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लखीमपुर हिंसा के बाद, कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा था, अजय मिश्रा टेनी जो कल तक मंच पर थे, अब फोटो से भी गायब हो चुके हैं। क्या सामने दिख रही हार से नरेंद्र मोदी डर गए हैं।

इसके अलावा लखनऊ में रविवार को हुए डीजीपी आईजी सम्मेलन के समापन पर अजय मिश्र उर्फ टेनी, नजर नहीं आए थे। हालांकि कुछ देर के लिए उनके वहां पहुंचने की बात कही गई थी। सम्मेलन के बाद जब प्रधानमंत्री के साथ हुए फोटो सेशन हुआ तो उस वक्त भी गृह राज्य मंत्री 'टेनी' मौजूद नहीं थे।

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