जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग भी खतरे के साये में, बहुगुणा नगर को तुरंत खाली कराने का आदेश जारी

इधर जोशीमठ के दो बड़े होटलों को तोड़ने का काम आज शुरू हुआ, लेकिन भारी बारिश ने इसमें रुकावट पैदा कर दी। इन होटलों को तोड़ने के बाद अन्य घरों को तोड़ा जाएगा। लेकिन मौसम रोड़े अटका रहै है, क्योंकि गुरुवार शाम से जोशीमठ और आसपास के इलाको में बारिश हो रही है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी भू-धंसाव के कारण खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। यहां भी बड़ी संख्या में घरों में दरारें आने के बाद प्रशासन ने बहुगुणा नगर को तुरंत खाली कराने का आदेश दिया है। दरअसल, चमोली जिले में हालात खराब होते जा रहे हैं। जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरारें पड़ गई हैं। ऐसे में प्रशासन ने कर्णप्रयाग के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके बहुगुणा नगर को तुंरत खाली कराने का आदेश दिया है। प्रशासन ने बहुगुणा नगर के लोगों को तुंरत पास के रैन बसेरों में शिफ्ट होने का नोटिस जारी किया है। ताकि यहां भी किसी तरह की जनहानि न हो।

जोशीमठ से शुरू हुआ जमीन में दरार पड़ने का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। हालात ये हो गए हैं कि जोशीमठ के आसपास के इलाकों में भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरारें आ चुकी हैं। इन घरों में रहना खतरे से कम नहीं है। 11 जनवरी को प्रशासन ने कर्णप्रयाग में उन घरों का मुआयना किया था, जहां पर दरारें आई थी। इसके बाद ही प्रशासन ने बहुगुणा नगर में रह रहे लोगों को अस्थाई तौर पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया।


इतना नहीं जोशीमठ में आर्मी कैंप इलाके में भी कुछ भवनों में दरारें आई हैं, जिसे बाद वहां रह रहे सेना के जवानों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इसकी जानकारी खुद सेना की तरफ से दी गई है। वहीं, जोशीमठ में इस समय सबसे ज्यादा मुश्किल हालात मौसम ने बना रखा है, क्योंकि गुरुवार शाम से जोशीमठ और आसपास के इलाको में बारिश हो रही है।

वहीं आज 12 जनवरी को जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण दरारें आने के बाद जो भवन रहने लायक नहीं बचे हैं, उन्हें गिराने का काम शुरू किया जाना था। पहले चरण में जोशीमठ के दो बड़े होटलों को तोड़ने का काम आज शुरू हुआ, लेकिन भारी बारिश ने इसमें रुकावट पैदा कर दी। इन होटलों को तोड़ने के बाद अन्य घरों को तोड़ा जाएगा।

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