भारत के साथ बैठक के बाद चीन ने LAC को लेकर कही बड़ी बात! शांति की राह पर लौटा 'ड्रैगन' या फिर कोई और चाल?

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध को पूरी तरह से खत्म करने के लिए भारत और के राजनयिकों के बीच बैठक हुई। बैठक में चीन ने दावा किया कि उसने भारत के साथ मतभेदों को कम किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चीन एलएसी पर नापाक हरकतें करता रहता है। कई बार इसकी तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं। लेकिन अब चीन ने बड़ी बात कही है। भारत और चीन के बीच गुरुवार को बीजिंग में 'वर्किंग मैकेनिज्म ऑन कंसल्टेंशन एंड कोऑर्डिनेशन' (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वें दौर की बैठक हुई। इस दौरान चीन, भारत के साथ सीमा समझौते को मानने के लिए तैयार हो गया। साथ ही उसने बॉर्डर पर तनाव कम करने पर भी सहमति जताई।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध को पूरी तरह से खत्म करने के लिए भारत और के राजनयिकों के बीच बैठक हुई। बैठक में चीन ने दावा किया कि उसने भारत के साथ मतभेदों को कम किया है। वहीं, इस बैठक के बाद भारत ने कहा कि चीन के साथ वार्ता स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी रही। इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा-संबंधी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर भी सहमति जताई गई।

इस बैठक में एलएसी पर बचे हुए टकराव वाले प्वाइंट्स से सैनिकों की पारस्परिक वापसी को लेकर लंबे समय से रुकी हुई बातचीत में प्रगति के संकेत मिले। बैठक में सैन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। भारतीय

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने विचारों का स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी आदान-प्रदान किया। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए बैठक की गई। भारत और चीन राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए भी सहमत हुए हैं।


रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रलाय एक बयान में कहा, "दोनों पक्ष हाल ही में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के मुताबिक, बॉर्डर की स्थिति को जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।"

चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान में आगे कहा, "दोनों पक्षों ने बॉर्डर इलाके में प्रासंगिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, मतभेदों को और कम किया, आम सहमति का विस्तार किया, बातचीत एवं परामर्श को मजबूत करने, एक-दूसरे की उचित चिंताओं को समायोजित करने और जल्द से जल्द दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने पर सहमति व्यक्त की।"

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