'पिछले दरवाजे से निजीकरण का मोदी सरकार का नया तरीका है अग्निवीर', बैंकों में अग्निवीर की तर्ज पर बहाली पर जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद जयराम रमेश ने बैंकों में अग्निवीर के तर्ज पर कर्मचारियों की बहाली के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह पिछले दरवाजे से निजीकरण का नया तरीका है।

फोटो: सोशल मीडिया
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रवि प्रकाश @raviprakash24

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद जयराम रमेश ने बैंकों में अग्निवीर के तर्ज पर कर्मचारियों की बहाली के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह पिछले दरवाजे से निजीकरण का नया तरीका है। जयराम रमेश ने कहा कि अग्निवीर तो बस बहाना है। दरअसल सरकार पूरे सार्वजनिक क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट व्यवस्था लाना चाहती है। दरअसल बैंकों में भी अग्निवीर के तर्ज पर कर्मचारियों की बहाली करने की योजना बनाई जा रही है। ऐसे सभी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाएंगे।

पिछले दरवाजे से निजीकरण का मोदी सरकार का नया तरीका है अग्निवीर: जयराम रमेश

जयराम रमेश ने गुरुवार को ट्विवटर पर लिखे अपने एक पोस्ट में कहा, "सेना के बाद मोदी सरकार ने पब्लिक सेक्टर के बैंक में कॉन्ट्रैक्ट पर रोजगार देने की तैयारी शुरू कर दी है। यह पिछले दरवाजे से निजीकरण का नया तरीका है। अग्निवीर बहाना है, पूरे सार्वजनिक क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट व्यवस्था लाना है।" अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने इससे संबंधित खबर को भी पोस्ट किया है। जिसका हेडलाइन है अग्निवीर की तर्ज पर बैंकों में भी रखे जाएंगे कर्मचारी।

अग्निवीर के तर्ज अपने कर्मचारियों की बहाली करेगा SBI

दरअसल बैंकों में भी अग्निवीर के तर्ज पर कर्मचारियों की बहाली करने की योजना बनाई जा रही है। इस योजनता के तहत बहाल हुए कर्मचारी एक निश्चित समय के लिए ही बैंक में अपनी सेवा दे पाएंगे। मतलब अब से सभी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाएंगे। इसकी शुरुआत होगी देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक से। हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक, स्टेट बैंक ने अपना खर्च कम करने के लिए यह फैसला लिया है। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक मानव संसाधन संबंधित मुद्दों के लिए एक अलग कंपनी शुरू करने जा रहा है। स्टेट बैंक की ऑपरेशन और सपोर्ट सब्सिडियरी को हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल गई है। शुरुआत में यह कंपनी ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंक शाखाओं में कर्मचारियों का प्रबंधन करेगी।


अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिलेंगे सभी लाभ

गौरतलब है कि इस योजना के तहत जिन कर्मचारियों की नियुक्ति होगी वह अनुबंध के आधार पर होगी। अनबुंध वाले कर्मचारियों को एसबीआई के स्थायी कर्मियों को मिलने वाले सभी लाभ नहीं मिल सकेंगे।

दूसरे बैंक भी बढ़ा सकते हैं कदम

माना जा रहा है कि एसबीआई के बाद देश के दूसरे सरकारी बैंक भी आने वाले दिनों में यह कदम उठा सकते हैं। खबरों के मुताबिक कई बैंकों ने आरबीआई के पास इस तरह की सब्सिडियरी बनाने के लिए प्रस्ताव दिया था, लेकिन तब आरबीआई ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। अब जब एसबीआई को सब्सिडियरी बनाने की अनुमति मिल गई है, ऐसे में आने वाले दिनों में दूसरे बैंक भी आरबीआई से ऐसी सब्सिडियरी के लिए मंजूरी मांग सकते हैं।

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Published: 18 Aug 2022, 11:59 AM