मंत्री के हाथों अवार्ड ठुकराने वाले वैज्ञानिक का पीएम को पत्र, लिखा: मैं न नेता हूं, न आतंकवादी, वापस लीजिए कृषि कानून

केंद्रीय मंत्री के हाथों अवार्ड लेने से इनकार करने वाले वैज्ञानिक वरिंदर पाल सिंह ने पीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा ‘न तो मैं आतंकवादी हूं र न ही नेता, मैं सिर्फ एक प्रोफेशनल के नाते आपको पत्र लिख कर कृषि कानून वापस लेने का आग्रह कर रहा हूं।’

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नवजीवन डेस्क

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख सॉइल साइंस वैज्ञानिक वरिंदर पाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विवादित कृषि कानून वापस लेने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र की शुरुआत में लिखा है, "मैं न तो नेता हूं और न ही आंतकवादी, मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसानों को तकलीफ देने वाले विवादित कृषि कानूनों को पूर्णतया वापस ले लीजिए।"

उन्होंने पत्र में आगे लिखा है, “मैं किसी भी सरकारी अधिकारी या मंत्री के हाथों से कोई अवार्ड नहीं ले सकता, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को परेशान किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने किसानों का हौसला तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन वे अनुशासित तरीके से अपनी जमीन पर जमे हैं। मुझे यह देखकर काफी दुख होता है कि मीडिया का एक धड़ा हमारे अन्नदाता को आंतकवादी कह रहा है।”

वरिंदर पाल सिंह ने पत्र में कहा है, “मैं प्रधानमंत्री जी आपसे अनुरोध करूंगा कि आप तुरंत इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान संसद में करें। किसानों की मांगों की अनदेखी करना और उन्हें इस सर्दी में सड़क पर छोड़ देना देशहित में नहीं है। कृपया देश की आवाज़ सुनें। इन कानूनों को पूर्णतया वापस लेने से कम कोई भी फैसला किसानों और देश के साथ धोखा होगा।”

इससे पहले वरिंदर पाल सिंह ने किस तरह केंद्रीय मंत्री के हाथों अवार्ड लेने से इनकार किया, इसे देखिए इस वीडियो में:


गौरतलब है कि वरिंदर पाल सिंह ने मृदा विज्ञान (सॉइल साइंस) पर 100 से अधिक रिसर्च पेपर लिखे है और उनके कई अवार्ड से सम्मानित किया गया है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में उनके साथियों ने सोशल मीडिया पर वरिंदर पाल सिंह की इस बात के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की है वे मजबूती के साथ किसानों के समर्थन में अपनी बात रख रहे हैं।

ध्यान रहे कि सोमवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के एक समारोह में वरिंदर पाल सिंह ने केंद्रीय खाद और रसायन मंत्री के हाथों से अवार्ड लेने से इनकार कर दिया था। आयोजकों ने उनसे अवार्ड ग्रहण करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री के सामने ही कहा कि उनकी अंतरात्मा उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं देती क्योंकि किसान बहुत तकलीफ उठा रहे हैं।

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