अहमदाबाद प्लेन क्रैशः उच्चस्तरीय समिति ने दुर्घटना के संभावित कारणों पर विचार-विमर्श किया, SOP पर भी हुई चर्चा
सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक में शामिल हुए लोगों का जोर विमान दुर्घटना के संभावित कारणों का विश्लेषण करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने पर था।

अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार विभिन्न संभावित कारणों पर सोमवार को विचार-विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली समिति ने विमान दुर्घटना के संभावित कारणों के बारे में विभिन्न हितधारकों की राय सुनी और भविष्य में ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किये जाने वाले उपायों पर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक में शामिल हुए लोगों का जोर विमान दुर्घटना के संभावित कारणों का विश्लेषण करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने पर था। सूत्रों ने बताया कि चूंकि वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा एक अलग जांच भी की जा रही है, जो दुर्घटना के तकनीकी पहलुओं पर गौर कर रही है, इसलिए समिति ने संभावित कारणों और इससे सबक लेने के बारे में चर्चा की।
सोमवार को उच्च स्तरीय समिति की बैठक में शामिल होने वालों में नागर विमानन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय वायुसेना, खुफिया ब्यूरो, गुजरात सरकार, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति के तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।
गुरुवार को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ शुक्रवार शाम घटनास्थल से बरामद किया गया था। वहीं, अधिकारियों ने ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ के भी मिलने की पुष्टि की है, जो दुर्घटना के संभावित कारण का पता लगाने में अहम भूमिका निभाएगा।
अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा। नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शनिवार को कहा था कि एएआईबी जांच तकनीकी पहलुओं पर गौर करेगी, जबकि उच्चस्तरीय समिति भविष्य के सुरक्षा उपायों के लिए एक समग्र, नीति-उन्मुख रोडमैप प्रदान करेगी।
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