एयर इंडिया पर लगा 10 लाख रुपये का जुर्माना, यात्री-केंद्रित मानदंडों की अनदेखी पर DGCA की कार्रवाई

डीजीसीए जांच में पाया गया कि एयर इंडिया प्रासंगिक नागरिक उड्डयन आवश्यकता के प्रावधानों का पालन नहीं कर रहा था। इसके बाद 3 नवंबर को एयर इंडिया को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी।

DGCA ने एयर इंडिया पर लगाया 10 लाख रुपये का जुर्माना
DGCA ने एयर इंडिया पर लगाया 10 लाख रुपये का जुर्माना
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नवजीवन डेस्क

देश के विमानन नियामक डीजीसीए ने यात्री-केंद्रित नियमों का अनुपालन नहीं करने के लिए टाटा समूह की विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डीजीसीए ने 3 नवंबर को एयर इंडिया को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें विभिन्न आरोपों पर उसकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी।

डीजीसीए ने कहा कि उसने नियमों में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सभी अनुसूचित विमान सेवा कंपनियों द्वारा यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं/मुआवजे से संबंधित दायित्वों के निर्वहन का पता लगाने के लिए मई और सितंबर में दिल्ली, कोच्चि और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर निरीक्षण किया।


डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "एयरलाइनों के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि एयर इंडिया प्रासंगिक नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा था। तदनुसार, 3 नवंबर को एयर इंडिया को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी। एयर इंडिया द्वारा दिए गए जवाब के बाद यह पाया गया कि उसने सीएआर के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया है।

डीजीसीए के अनुसार, अन्य बातों के अलावा, विलंबित उड़ानों से प्रभावित यात्रियों के लिए होटल आवास प्रदान नहीं करना, उनके कुछ ग्राउंड कर्मियों को प्रशिक्षण नहीं देना, सीएआर में निर्धारित शर्तों और अनुपयोगी सीटों पर यात्रा करने के लिए मजबूर करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस क्लास के यात्रियों को मुआवजे का भुगतान न करना शामिल है। अधिकारी ने कहा कि "डीजीसीए ने नियमों का पालन न करने पर एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया है।

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