दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता फिर खराब, ग्रैप-1 लागू, अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज
दिल्ली-एनसीआर की सभी संबंधित एजेंसियों को इन उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने खास तौर पर निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों में प्रदूषण कम करने के उपायों का पालन करने की बात कही है।

दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
मौसम विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.6 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने बताया कि दिन के दौरान आर्द्रता का स्तर 50 प्रतिशत से 16 प्रतिशत के बीच रहा।
विभाग ने बृहस्पतिवार को दिन में तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है और अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।
इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि शहर की वायु गुणवत्ता पिछले पांच दिन से 'मध्यम' श्रेणी में थी। शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 217 रहा और वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। इसे देखते हुए एक बार फिर ग्रैप-1 के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई इसी स्तर पर बना रह सकता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रैप उप-समिति ने मौजूदा वायु गुणवत्ता की समीक्षा करते हुए तत्काल प्रभाव से ग्रैप के स्टेज-1 के तहत 27-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले 29 मार्च को ही प्रदूषण में कमी को देखते हुए ग्रैप-1 के प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया गया था।
दिल्ली-एनसीआर की सभी संबंधित एजेंसियों को इन उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने खास तौर पर निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों में प्रदूषण कम करने के उपायों का पालन करने की बात कही है क्योंकि गर्मियों में दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान इन्हीं का होता है।
ग्रैप स्टेज-1 के तहत आम लोगों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। लोगों से अपने वाहनों के इंजन की नियमित जांच और सही ट्यूनिंग कराने, वाहनों के टायरों में उचित वायु दबाव बनाए रखने और वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को अद्यतन रखने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन का इंजन बंद करें और अनावश्यक रूप से वाहन न चलाएं। हाइब्रिड वाहन या इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को प्राथमिकता दें। खुले स्थानों में कचरा या अन्य अपशिष्ट पदार्थ न फेंकें।
प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों, जैसे एनसीआर के राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि ग्रैप स्टेज-1 के तहत सभी 27-सूत्रीय कार्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ
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