AISA, SFI ने जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों पर ‘हमले’ के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन किया, TMC पर साधा निशाना

आइसा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अभिज्ञान ने एक बयान में कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने के लिए, बिल्कुल बीजेपी की तरह बर्बर तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।"

फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

वामपंथी छात्र संगठनों स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने सोमवार को यहां ‘बंग भवन’ में विरोध प्रदर्शन किया तथा पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के इस्तीफे एवं गिरफ्तारी की मांग की।

यह प्रदर्शन एक मार्च को यादवपुर विश्वविद्यालय में बसु के काफिले के गुजरने के दौरान छात्रों को टक्कर लगने की घटना की प्रतिक्रिया में किया गया।

एसएफआई दिल्ली की राज्य सचिव आइशी घोष ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी के शासन में पश्चिम बंगाल में छात्रों पर अत्याचार कोई नई बात नहीं है। छात्रों के असंतोष को दबाने के लिए कठोर कार्रवाई की जाती है और यह घटना इसका एक और उदाहरण है। ब्रत्य बसु को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।’’

छात्र संघ चुनाव कराने पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने मंत्री को परिसर से बाहर जाने से रोकने की कोशिश की। इसी दौरान हुई झड़प में बसु के काफिले की एक कार की टक्कर से दो छात्र घायल हो गए।


प्रदर्शनकारियों द्वारा बसु की कार के शीशे को क्षतिग्रस्त किए जाने के कारण मंत्री को भी चोट आईं। यह घटना उस समय हुई, जब बसु पश्चिम बंगाल कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रोफेसर एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) की वार्षिक आम बैठक में भाग लेने के बाद परिसर से बाहर निकल रहे थे। यह संगठन तृणमूल कांग्रेस से संबद्ध है और बसु इसके अध्यक्ष हैं।

आइसा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अभिज्ञान ने एक बयान में कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने के लिए, बिल्कुल बीजेपी की तरह बर्बर तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे समय में जब देश बीजेपी-आरएसएस का विकल्प तलाश रहा है, इस तरह का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’’

प्रदर्शनकारियों ने इस घटना की तुलना लखीमपुर खीरी प्रकरण से की, जहां एक काफिले के वाहनों ने प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया था।

प्रदर्शन का समापन यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने और छात्र संघ चुनाव की उनकी मांग के साथ हुआ।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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