अखिलेश यादव बोले, हार-जीत नहीं, सिद्धांतों की लड़ाई है उपराष्ट्रपति चुनाव

अखिलेश यादव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जो लोग न्याय के पक्षधर हैं, वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर हमारे प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालेंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
i
user

पीटीआई (भाषा)

‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के प्रमुख घटक समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि उपराष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव हार-जीत की नहीं, बल्कि ‘सिद्धांतों’ की लड़ाई है और उम्मीद जताई कि न्याय के पक्षधर सभी दलों के सदस्य अपनी ‘‘अंतरात्मा’’ की आवाज पर ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे।

लखनऊ दौरे पर आए इंडिया की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायामूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी का सपा कार्यालय में स्वागत करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘आज जिन राजनीतिक परिस्थितियों में उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हो रहा है और हम जिस न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, उसके लिए एक न्यायमूर्ति से बेहतर विकल्प क्या हो सकता है।"

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि जो लोग न्याय के पक्षधर हैं, वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर हमारे प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालेंगे।’’

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘यह लड़ाई हार या जीत की नहीं है, बल्कि सिद्धांतों की है और हमें पूरा भरोसा है कि जब अंतरात्मा की आवाज पर वोट डाले जाएंगे, तो हमारे प्रत्याशी न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी ऐतिहासिक मतों से विजयी होकर उस पद को सुशोभित करेंगे।"


अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया, ‘‘भारतीय जनता पार्टी उपराष्ट्रपति जैसे उच्च संवैधानिक पद को एक विशेष विचारधारा से जोड़ना चाहती है, जो देशहित में नहीं है।’’

इस मौके पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी भी उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति का चुनाव नौ सितंबर को होगा। यह पद जगदीप धनखड़ के हाल में इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुआ है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इस चुनाव में पूर्व सांसद सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia