पहलवानों के समर्थन में सर्वखाप महापंचायत, 23 मई को कैंडल मार्च, 28 को नए संसद में महिला महापंचायत का ऐलान

महापंचायत में बृजभूषण सिंह का नार्को टेस्ट कराने की मांग के साथ 23 मई को इंडिया गेट से कैंडल मार्च निकालने और 28 मई को नए संसद भवन में महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया। बता दें कि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं।

महिला पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के महम में सर्वखाप महापंचायत का आयोजन हुआ
महिला पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के महम में सर्वखाप महापंचायत का आयोजन हुआ
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नवजीवन डेस्क

यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं महिला एथलीटों के समर्थन में रविवार को हरियाणा के महम शहर में सर्व खाप पंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कृषि प्रतिनिधियों के साथ खापों ने हिस्सा लिया। इस महापंचायत में 23 मई को इंडिया गेट से कैंडल मार्च निकालने और 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन में महिला महापंचायत आयोजित करने का फैसला लिया गया। बता दें कि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं।

सर्वखाप पंचायत ने कहा कि पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशभर से महिलाएं उस दिन नई दिल्ली पहुंचेंगी। सर्वखाप महापंचायत में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का नार्को टेस्ट कराने की भी मांग की गई। इस महापंचायत में हरियाणा और यूपी के अलावा अन्य राज्यों के खाप प्रतिनिधि भी पहुंचे। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा धरने पर बैठे पहलवान भी शामिल हुए।


बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवान लगभग एक महीने से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। वे महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के कारण बृज भूषण को भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के पद से बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। खिलाड़ियों और खाप पंचायतों ने सरकार को 20 मई तक महिला पहलवानों का यौन शोषण करने वाले आरोपी ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी के लिए अल्टीमेटम दिया था। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर आज सर्व खाप महापंचायत कर सर्वसम्मति से आगे की रणनीति पर फैसला लिया गया।

महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश का मान बढ़ाने वाली इन बेटियों के सम्मान की यह लड़ाई लंबे समय तक जारी रहेगी, जिस तरह किसान आंदोलन चला था। टिकैत ने कहा, "केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीनों तक चला था। केंद्र सरकार अब पहलवानों के खिलाफ आरोप लगाने, उल्टे उन्हें बदनाम करने की कोशिश करेगी, जिस तरह किसानों के साथ किया गया था। यह सिर्फ शुरुआत है, हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।"


इससे पहले, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई नेताओं और उनकी पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। हालांकि चौतरफा बढ़ते विरोध और इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बावजूद बृज भूषण सिंह पद छोड़ने को राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि दिल्ली में महिला महापंचायत का आयोजन मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि केंद्र में उसकी अपनी सरकार के खिलाफ धरना दे रहीं राज्य की बेटियों के प्रति किसानों का समर्थन बढ़ रहा है। एक पर्यवेक्षक ने कहा कि इसके अलावा, महापंचायत राज्य सरकार के महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी जेजेपी के लिए भी एक अल्टीमेटम है, जो जाटों को लुभाकर अस्तित्व में आई, जो प्रमुख रूप से कृषक समुदाय से हैं, लेकिन पहलवानों की मांगों पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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