मोदी सरकार की सारी आर्थिक नीतियां फेल ? कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का दांव भी बेअसर, जानिए क्‍यों बेदम है बाजार

सोमवार को भी बाजार में कॉरपोरेट टैक्स की वजह से बढ़त देखी गई। लेकिन मंगलवार को फिर बाजार में दबाव हावी हो गया। उसके बाद बुधवार यानी 25 सितंबर को बाजार सुबह लाल निशान के साथ खुला और बंद होते-होते सेंसेक्स 500 से ज्यादा अंक लुढ़क गया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद बाजार बम बम दिख रहा था। ऐसा लगने लगा था कि सरकार के इस फैसले से शेयर बाजार संभल जाएगा। लेकिन कुछ ही दिन में उसका असर बेअसर हो गया। दरअसल कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के ऐलान के बाद दो दिन तक शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिली। लेकिन तीसरे ही दिन बाजार पहले की तरह फिर पस्त हो गया।

सोमवार को भी बाजार में कॉरपोरेट टैक्स की वजह से बढ़त देखी गई। लेकिन मंगलवार को फिर बाजार में दबाव हावी हो गया। उसके बाद बुधवार यानी 25 सितंबर को बाजार सुबह लाल निशान के साथ खुला और बंद होते-होते सेंसेक्स 500 से ज्यादा अंक लुढ़क गया।

सोमवार को 1,000 अंकों से अधिक उछाल के बाद बुधवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 503.62 अंक (1.29%) लुढ़ककर 38,593.52 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 148.00 अंकों (1.28%) की गिरावट के साथ 11,440.20 पर बंद हुआ


आइए जानते हैं कि आखिर क्‍यों आई गिरावट?

बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हलचल को बताया जा रहा है। ईरान और अमेरिका के बीच बेहद तनाव है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस खबर के बाद अमेरिकी बाजार में अस्थिरता का माहौल पैदा हो गया है। अमेरिका की सियासी सरगर्मी की वजह से भारत समेत एशियाई बाजारों में हलचल मच गई है। ये जानना जरूरी है कि डोनाल्‍ड ट्रंप पर संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप है। हालांकि ट्रंप ने आरोपों से इनकार किया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी इतिहास में मुझसे बुरा बर्ताव किसी दूसरे राष्‍ट्रपति के साथ नहीं किया गया है।

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की और भी कई वजह है। दरअसल जीडीपी ग्रोथ में लगातार गिरावट देखी जा रही है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की ताजा रिपोर्ट से भी शेयर बाजार में हलचल मच गया है। एडीबी ने लगातार चौथी बार जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है। एडीबी रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.50 फीसदी रहने का अनुमान है। एडीबी ने इसके साथ ही भारत में अनिश्चितता के माहौल का भी जिक्र किया है।


शेयर बाजार लगातार लाल निशान पर कारोबार कर रहा है। इसकी वजह से निवेशक भी डरे हुए हैं। फिलाहल कोई भी बाजार में पैसा नहीं लगाना चाह रहा है। वहीं सभी सेक्टर मंदी की चपेट में हैं। बैंकिंग, रियल एस्टेट, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर का सबसे सबसे बुरा हाल है। इन सेक्टर्स में पैसा लगाने वाले निवेशकों का अब तक शेयर बाजार में करोड़ों रुपए स्वाहा हो चुका है। ऐसे में कोई भी निवेशक यहां पैसा नहीं लगाना चाहता। जिसकी वजह से शेयर बाजार बेदम है।

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Published: 26 Sep 2019, 9:21 AM