मिल गई धरती पर सबसे साफ हवा वाली जगह, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया दावा, लेकिन पहुंचना मुश्किल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल वायु प्रदूषण से 70 लाख लोग मरते हैं। दिल की बीमारी, स्ट्रोक और लंग कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए भी वायु प्रदूषण को जिम्मेदार माना जाता है। हवा के मामले में दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 13 शहर भी शामिल हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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DW

अमेरिका की कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के वायुमंडल में सबसे स्वच्छ हवा वाली जगह खोजने का दावा किया है। लेकिन यह जगह इंसानी आबादी से बहुत दूर दक्षिणी ध्रुव के पास है। अंटार्कटिका को घेरने वाले महासागर के दक्षिणी हिस्से की हवा में किसी इंसानी गतिविधि का थोड़ा सा भी अंश नहीं मिला।

इन वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलियन मरीन नेशनल फैसिलिटीज के आरवी इनवेस्टीगेटरों द्वारा जुटाए गए नमूनों के आधार पर यह दावा किया है। प्रोफेसर सोनिया क्रिडेनवाइस और उनकी टीम के मुताबिक दक्षिण सागर के ऊपर का इलाका ऐसा है, जहां प्रदूषण का कोई भी पार्टिकल नहीं मिला। वैज्ञानिकों को वहां हवा की ऐसी परत मिली, जिसमें जीवाश्म ईंधन, फसलों के अवशेष और खाद उत्पादन, परिवहन और वेस्ट वॉटर डिस्पोजल का कोई भी अंश नहीं था।

वायु प्रदूषण एयरोसल के कारण होता है। एयरोसल, ठोस, द्रव और गैस के उन अतिसूक्ष्म कणों को कहा जाता है जो हवा में घुल जाते हैं। एक बैक्टीरिया की मदद से वैज्ञानिक हवा में घुले इन अतिसूक्ष्म कणों का पता लगाते हैं। जांच से पता चलता है कि ये कण कहां से निकले हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल वायु प्रदूषण से 70 लाख लोग मारे जाते हैं। दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और लंग कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए भी वायु प्रदूषण को जिम्मेदार माना जाता है। वायु प्रदूषण के लिहाज से दुनिया के 20 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में भारत के 13 शहर शामिल हैं।

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