मणिपुर में हिंसा के बीच दो माह बाद कक्षा 1-8 तक के स्‍कूल आज से खुले, 20 फीसदी से भी कम छात्र आए

राज्य में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से विभिन्न समुदायों के अब तक लगभग 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि घर, दुकानें, वाहन सहित बड़ी संख्या में लोगों की करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो गई है।

मणिपुर में हिंसा के बीच दो माह बाद कक्षा 1-8 तक के स्‍कूल आज से खुले
मणिपुर में हिंसा के बीच दो माह बाद कक्षा 1-8 तक के स्‍कूल आज से खुले
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर में 3 मई को भड़की हिंसा के दो महीने से अधिक समय के बाद बुधवार को कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खोले गए। अधिकारियों ने बताया कि कुल 4,521 स्‍कूलों में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई शुरू हो गई है, हालांकि आज औसतन 20 फीसदी छात्र ही उपस्थित थे। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कम उपस्थिति दर के लिए हिंसा से संबंधित मुद्दों, परिवहन और माता-पिता तथा बच्चों के बीच डर को जिम्मेदार ठहराया।

इस बीच, राज्य के 96 स्कूल अभी भी बंद हैं, क्योंकि इन स्कूलों के परिसर में विस्थापित लोगों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं। ऐसे स्कूलों में से सबसे अधिक 41 स्कूल चुराचांदपुर जिले में हैं। इसके बाद 17 बिष्णुपुर में, काकचिंग में 10, कांगपोकपी और इम्‍फाल पूर्व में आठ-आठ, उखरुल और तेंगनौपाल में चार-चार, और इम्‍फाल पश्चिम और थौबल में दो-दो स्‍कूल अब भी बंद हैं।


राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इन स्कूलों को खोलने का ऐलान करते हुए कहा था कि विस्थापित लोगों के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण पूरा होने के बाद कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्‍कूल खोले जाएंगे। मणिपुर सरकार ने पहले 21 जून से और बाद में 1 जुलाई से स्‍कूल खोलने का फैसला किया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

राज्य में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद विभिन्न समुदायों के 50,000 से अधिक लोग राज्य भर में 350 से अधिक राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। इस संघर्ष में अब तक लगभग 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि घर, दुकानें, वाहन सहित बड़ी संख्या में लोगों की करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो गई है।

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