प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के बाद अमृत स्नान रद्द, भगदड़ में 10 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज में ऐसी घटना हो गई है, जिस कारण अखाड़ा परिषद ने आज का अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या स्नान पर उमड़ी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। 'आज तक' के मुताबिक, भगदड़ में 10 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है। प्रशासन या सरकार की तरफ से मौतों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक आकंड़ा जारी नहीं किया गया है। हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। इस बीच विशेष सतर्कता बरतते हुए अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज में ऐसी घटना हो गई है, जिस कारण अखाड़ा परिषद ने आज का अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अगला स्नान बसंत पंचमी को होगा। आज की घटना से वे काफी आहत हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जहां पर आसानी से व्यवस्था हो, वहीं स्नान कर लें। उन्होंने कहा कि अब वे बसंत पंचमी का स्नान करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज हम स्नान नहीं करेंगे। जब हम स्नान के लिए निकलते तो हजारों की संख्या में साधु संत भी मौजूद होते। भीड़ बहुत है, इस कारण लोग भी जुलूस देखने आ सकते हैं। कोई अप्रिय घटना न हो, इसे देखते हुए हम स्नान नहीं करेंगे। जहां पर प्रशासन कह रहे हैं, वहीं पर स्नान करें। उन्होंने कहा कि समय अधिक बीत गया है और दुखद घटना के कारण हमने अपना स्नान रद्द किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि आज यहां अप्रिय घटना हो गई है। इस कारण अखाड़ा स्नान नहीं करेंगे। चूक के बारे में उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया है। घायलों को ईश्वर जल्द स्वस्थ करें। घटना क्यों हुई है, यह जांच का विषय है।
प्रयागराज में महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान आज जारी है। मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए भोर में अखाड़ों के साधु-संत संगम के लिए निकले थे। भगदड़ की घटना और संगम पर हालात बेकाबू होने के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अपील की कि स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद अखाड़े के साधु-संत शिविर में लौट आए। यहां साधु-संतों ने बैठक की। तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे। अखाड़ों ने अमृत स्नान टाल दिया।
सुबह 5 बजे श्री महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करते। फिर जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़ा के स्नान का समय था। इनके बाद वैष्णव संप्रदाय के दिगंबर अनी, निर्मोही अनी और निर्वाणी अनी स्नान करते। अंत में निर्मल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था।
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