अमृतसर रेल हादसाः पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू का बड़ा ऐलान, अनाथ हुए बच्चों को लेंगे गोद

पंजाब की कांग्रेस सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने विजयदशमी के दिन ट्रेन हादसे में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है। उन्होंने हादसे का शिकार उन परिवारों का भी खर्च उठाने का ऐलान किया है, जिनमें अब कोई कमाने वाला नहीं बचा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

विजयदशमी के दिन पंजाब के अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आए पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिद्धू ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर बताया कि अमृतसर हादसे में जो बच्चे अनाथ हुए हैं, वह उनकी जिम्मेदारी उठाएंगे। इसके साथ ही सिद्धू ने आजीवन उन परिवारों का खर्च उठाने की भी घोषणा की, जिन परिवारों में हादसे की वजह से अब कोई कमाने वाला नहीं बचा। उन्होंने कहा कि उन्होंने इससे पहले अपनी जिंदगी में एक वादा किया था कि चुनाव लड़ेंगे तो गुरु की धरती अमृतसर से ही लड़ेंगे और आज दूसरा वादा कर रहे हैं कि हादसे में अनाथ हुए परिवारों की जिम्मेदारी उठाएंगे।

पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिद्धू ने कहा कि जिन परिवारों के लोग मारे गए हैं उनकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। उन्होंने कहा कि वचन देता हूं जिन परिवारों में कोई कमाने वाला नहीं बचा है उस परिवार में हर दिन चूल्हा जलेगा। उन्होंने कहा, “जो बच्चे अनाथ हो गए हैं उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी मेरी होगी। अमृतसर मेरी पत्नी और मेरी कर्मभूमि है। इस गुरु की धरती पर वचन देता हूं किसी भी परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा नहीं होने देंगे।” इससे पहेल दिन में सिद्धू ने हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों को बतौर मुआवजा 5-5 लाख रुपये का चेक सौंपा।

इस दौरान उनके साथ मौजूद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि हादसे के शिकार लोगों की याद में प्रार्थना सभा हो जाने के बाद वह प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल के आरोपों का जवाब देंगे। सुनील जाखड़ ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने की बात की है। सरकार लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी देने पर काम कर रही है।

हादसे में रेलवे की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सिद्धू ने कहा कि रेलवे को जांच करने की नहीं बल्कि क्लिनचिट देने की जल्दी थी। उन्होंने कहा कि जब लोगों की इतनी भीड़ रेलवे लाइन पर थी तो यह गेटमैन को क्यों नहीं दिखा। जाखड़ ने भी आरोप लगाया कि रेलवे ने हादसे के सबूतों को नष्ट कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि 10 मिनट पहले हादसे की जगह से गुजरी एक ट्रेन धीमी रफ्तार से निकल सकती है तो दूसरी ट्रेन क्यों नहीं। उन्होंने सवाला उठाया आखिर ड्राइवर को किस बात की जल्दी थी?

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