आंध्र प्रदेश: TDP सांसद और विधायक की नजरबंदी पर भड़के चंद्रबाबू, कहा- सरकार का रवैया अलोकतांत्रिक और तानाशाही
टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी के सांसद केसिनेनी श्रीनिवास और विधायक बुद्धा वेंकन्ना की विजयवाड़ा में नजरबंदी पर कहा है कि जगन मोहन सरकार को अपने तानाशाही और दमनकारी रवैये के लिए भुगतना पड़ेगा।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-12%2F0d9e2495-5a57-4b5e-9f40-accf112535e5%2Fchandrababu.jpg?rect=0%2C19%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी सांसद केसीनेनी श्रीनिवास और विधायक बुद्धा वेंकन्ना को विजयनगर में नजरबंद किए जाने पर राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जगनमोहन सरकार को इस तानाशाही की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने टीडीपी नेताओं की हिरासत को अलोकतांत्रिक बताया है।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “किसी जनप्रतिनिधि को नजरबंद रखा जाए यह अलोकतांत्रिक है। अमरावती परिक्षण समिति के संयुक्त एक्शन समिति में शामिल होने जा रहे नेताओं को रोक दिया गया।
इसके अलावा वाईएसआरसीपी सरकार पर 29 गावों के लोगों में तनाव पैदा करने का आरोप लगाया है। चंद्राबाबू नायडू ने कहा कि हजारों लोगों को गांवों में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने पिछले 5 साल से जारी नए राजधानी के विकास को काम को विवादित बना दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी दबाई जा रही है। इस गैर लोकतांत्रिक रवैये को लेकर जगन रेड्डी सरकार को बुरे परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
दरअसल अमरावती के विकास के लिए अपनी जमीनें देने वाले किसानों और अन्य ग्रामीणों सहित 29 गांवों के लोग सड़कों पर उतरे थे। इन गांवों के किसान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार से विशाखापत्तनम और कुरनूल को दो अन्य राज्य की राजधानियों के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
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