दिल्ली में रविदास मंदिर ढाने के खिलाफ दलितों में उबाल, पंजाब के बाद अब राजधानी में भीम आर्मी ने किया प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के बावजूद अब ये मामला पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां तुगलकाबाद या किसी अन्य वैकल्पिक स्थान पर फिर से मंदिर बनवाने की मांग कर रही हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली में डीडीए द्वारा एक रविदास मंदिर को गिराए जाने के खिलाफ दलितों में खासी नाराजगी है। बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आए दलित समुदाय के लोगों ने भीम आर्मी के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में खुद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर मौजूद रहे। उनके अलावा इस प्रदर्शन में दिल्‍ली सरकार में मंत्री राजेंद्रपाल गौतम और आम आदमी पार्टी के कई विधायक भी देखे गए।

पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य कई राज्यों से आए प्रदर्शनकारियों ने नीले रंग के झंडे लहराते और ’जय भीम’ के नारे लगाते हुए झंडेवालान से रामलीला मैदान तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग करते हुए संबंधित जमीन दलित समुदाय को सौंपने की मांग की।


इससे पहले मंगलवार को मंदिर गिराए जाने के खिलाफ दलित समुदाय ने पंजाब में बंद का आयोजन किया था। इस दौरान दुकानें और व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान बंद कराने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने जालंधर-दिल्‍ली राजमार्ग समेत कई सड़कों को ठप कर दिया था। इस दौरान कुछ जगह विरोध मार्च निकाला गया तो कई जगह धरना-प्रदर्शन कर सड़कों पर टायर जलाए गए। इससे पहले 13 अगस्त को भी दलित समुदाय ने पंजाब में प्रदर्शन किया था, जिसमें दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और समुदाय के कई नेता मौजूद थे।

बता दें कि बीते 10 अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुगलकाबाद में एक रविदास मंदिर को गिरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इसे राजनीतिक रंग नहीं देने की हिदायत दी थी। सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि हर चीज राजनीतिक नहीं हो सकती। इसके बावजूद अब ये मामला पूरा तरह राजनीतिक रंग ले चुका है।

साफ है कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के बावजूद अब ये मामला पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां तुगलकाबाद या किसी अन्य वैकल्पिक स्थान पर फिर से मंदिर बनवाने की मांग कर रही हैं।

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