लोकपाल पर धोखा देने वाली मोदी सरकार सीबीआई की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार, नए आंदोलन की जरूरत: अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने कहा कि सीबीआई जैसी जांच एजेंसी को सरकार के नियंत्रण में नहीं होना चाहिए, क्योंकि सीबीआई के दुरुपयोग की संभावना होती है। उन्होंने जोड़ा कि सीबीआई, सीवीसी जैसी एजेंसियों के काम में सरकार को हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सीबीआई संकट पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बयान जारी कर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से सीबीआई जैसी जांच एजेंसी के मुख्य अधिकारियों से जुड़े विवाद की जो खबरें आ रही है, वह हमारे लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है और शर्मनाक है।

उन्होंने मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि देश में लगातार भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन जो लोग देश चला रहे हैं वह इस बारे में बिल्कुल गंभीर नहीं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई जैसी जांच एजेंसी को सरकार के नियंत्रण में नहीं होना चाहिए, क्योंकि सीबीआई के दुरुपयोग की संभावना होती है। उन्होंने जोड़ा कि सीबीआई, सीवीसी जैसी एजेंसियों के काम में सरकार को हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

2011 में लोकपाल और हर राज्य में लोकायुक्त कानून की मांग को लेकर जनांदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने कहा, “सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के विवाद में जो चीजें सामने आ रही हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि अगर आज लोकपाल की व्यवस्था मौजूद होती और सीबीआई लोकपाल के दायरे में होती तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।”

उन्होंने लोकपाल की नियुक्ति की मांग करते हुए यह भी कहा कि सीबीआई, सीवीसी जैसी संस्थाओं तो लोकपाल के दायरे में लाया जाए।

उन्होंने सीधे-सीधे मोदी सरकार पर लोकपाल की नियुक्ति को लेकर मुकरने का आरोप लगाया और कहा कि देश को बचाने के लिए जनता को सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है।

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