आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका, मंत्री राजकुमार आनंद ने पद से दिया इस्तीफा, पार्टी भी छोड़ी

राजकुमार आनंद ने आरोप लगाया कि आप ने लोगों से जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया गया। आप असल मुद्दों से भटक चुकी है। आनंद ने आरोप लगाया कि आप में दलित विधायक पार्षद और मंत्री का कोई सम्मान नहीं है। ऐसे हालात में दलित वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

AAP को एक और झटका, मंत्री राजकुमार आनंद ने पद से दिया इस्तीफा, पार्टी भी छोड़ी
AAP को एक और झटका, मंत्री राजकुमार आनंद ने पद से दिया इस्तीफा, पार्टी भी छोड़ी
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को बुधवार को एक और बड़ा झटका लगा। दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी भी छोड़ने का ऐलान कर दिया। खास बात ये है कि आनंद के घर पर हाल ही में ईडी ने छापेमारी की थी। आनंद ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए आप पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि मैं आज से आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं इन भ्रष्टाचारियों के साथ अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर से मैंने जीवन मंत्र लिया है। उसी वजह से मैं व्यापारी होते हुए भी एनजीओ में आया, एमएलए बना, जनप्रतिनिधि बना, मंत्री बनकर लोगों की सेवा में आया। मैं आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा हुआ, जो बाबा साहब के आदर्शों पर चलने की बात करते थे।


राजकुमार आनंद ने आगे कहा कि जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी ने लोगों से वादा किया था, उस वादे को पूरा नहीं किया गया। आम आदमी पार्टी असल मुद्दों से भटक चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब का फोटो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस, हर सरकारी दफ्तर पर लगती है, लेकिन, जब बाबा साहेब के विचारों पर काम नहीं किया जा रहा। रिजर्वेशन संवैधानिक मजबूरी है। आप के 13 राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन उनमें से एक भी दलित या पिछड़ा या महिला कोई भी राज्यसभा सांसद नहीं है। जब रिजर्वेशन की बात आती है तो यह पार्टी चुप्पी साध लेती है।

राजकुमार आनंद ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों विधानसभा में बहुत सारे लोगों की भर्ती की गई, जिनकी दो-दो लाख रुपये सैलरी थी और उसमें दलितों को कोई भी जगह नहीं दी गई। इस बात से मुझे बहुत नाराजगी हुई और मैं यहां पर खुलकर काम नहीं कर सकता। मैं एससी/एसटी का मंत्री होने के नाते पार्टी में कुछ काम नहीं कर पा रहा और मैं अब भ्रष्टाचारियों के साथ काम करना नहीं चाहता, इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।


उन्होंने कहा कि इस पार्टी में दलित विधायक पार्षद और मंत्री का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है। अभी जो नेता हैं, उनमें कोई भी दलित नहीं है। संगठन में कोई भी दलित नेता नहीं है। किसी राज्य का प्रभारी भी दलित नहीं बनाया गया है, ऐसे हालात में दलित वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उनमें से मैं एक मंत्री हूं, जो मैं किसी ऊंची जाति का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन हम सब का अधिकार है।

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