बिहार में एनडीए को एक और झटका, रामविलास पासवान के दामाद बगावत कर जल्द ही राजद में होंगे शामिल

साधु ने कहा कि पासवान दलित नेता है और उन्हें पहले दलितों की बात करनी चाहिए। इतना ही नहीं, साधु ने रामविलास पासवान के साथ उनके बेटे चिराग पासवान को भी निशाना बनाया है।

फोटो: नियाज आलम
फोटो: नियाज आलम
user

नियाज़ आलम

बिहार की राजनीति में एनडीए को लगातार झटके लग रहे हैं। घटक दलों के नेताओं का एनडीए से मोहभंग होने लगा है। पहले दलितों की अनदेखी का आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए का साथ छोड़ राजद के साथ महागठबंधन में शामिल हुए। अब एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है।

केन्द्रीय मंत्री और लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान के छोटे दामाद अनिल कुमार साधु जल्द ही राजद में शामिल होने वाले हैं। लोजपा से संबंधित दलित सेना के राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ ही अनिल कुमार साधु पार्टी के टिकट पर 2010 में मसौढ़ी से और 2015 में बोचहा विधान सभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं।

साधु ने कहा है कि वह दलित सेना और लोजपा से निश्चित तौर पर अलग होंगे और राजद के साथ जाएंगे। दलित सेना और लोजपा से अलग होने के सवाल पर साधु ने अपने ससुर रामविलास पासवान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने दलित सेना का जो मेनिफेस्टो बनाया था उसमें साफ तौर पर लिखा था कि यह एक सामाजिक संगठन है, जो किसी पार्टी से संबंध नहीं रखेगी, लेकिन रामविलास पासवान ने धीरे-धीरे इसे लोजपा की बी-टीम बना दिया।

साधु ने साफ तौर पर कहा है कि उनके ससुर रामविलास पासवान नीयत, नीति और सिद्धांत की बात करते हैं, लेकिन वास्तव में वह बीजेपी और आरएसएस की गोद में खेल रहे हैं। साधु यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि ऊना, सहारनपुर, बक्सर के नंदन गांव समेत कई जगहों पर दलितों के खिलाफ बड़े मामले हुए, लेकिन रामविलास पासवान ने न तो अभी एक शब्द कहा और न ही वहां गए। जब आरएसए प्रमुख मोहन भागवत ने संविधान की समीक्षा की बात कही तब भी पासवान खामोश रहे।

साधु ने कहा कि पासवान दलित नेता है और उन्हें पहले दलितों की बात करनी चाहिए। इतना ही नहीं, साधु ने रामविलास पासवान के साथ उनके बेटे चिराग पासवान को भी निशाना बनाया है।उन्होंने कहा है कि चिराग पासवान दलितों के आरक्षित सीट से जीत कर आते हैं और दलित अधिकार की बात भी नहीं करते। चिराग  दलितों को ही कहते हैं कि उन्हें आरक्षण छोड़ देना चाहिए।

ऊना जैसी घटना काफी समय पहले हुई है फिर आप अचानक अब क्यों राजद के साथ आना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में साधु ने कहा कि यह आग धीरे-धीरे दिल में सुलग रही थी। जो व्यक्ति सामाजिक न्याय की बात करता था, आज वह आरएसएस और बीजेपी के आगे बौना हो गया है। बिहार सहित पूरे देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार का मामला बढ़ता जा रहा है. लेकिन कभी भी रामविलास पासवान या चिराग पासवान ने इन मुद्दों को नहीं उठाया। इन्हीं सब कारणों से अब उन्होंने लोजपा और दलित सेना से अलग होने का फैसला कर लिया है।

क्या राजद में शामिल होने को लेकर तेजस्वी यादव से बात हुई है? इस पर साधु ने कहा कि एक हफ्ते पहले उन्होंने रोहतास में संविधान बचाओ-आरक्षण बचाओ कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राजद नेता कांति सिंह और राजद के स्थानीय विधायक कुमार सर्वजीत के साथ मंच साझा किया था और वहीं बातचीत हुई।

अनिल कुमार साधू की मानें तो उनके राजद में शामिल होने की बात तेजस्वी यादव को पता है। इसके लिए लिए कांति सिंह ने उनसे बात भी कर ली है। साधु ने कहा है कि तेजस्वी एक सूझ-बूझ वाले नेता है और उनके नेतृत्व में बिहार में एक बड़ा बदलाव आएगा। अपने समर्थकों के राजद में शामिल होने के सवाल पर साधु ने कहा कि दलित सेना और लोजपा के जिला अध्यक्षों से उनकी लगातार बातचीत चल रही है। अररिया जिले के दलित सेना के अध्यक्ष प्रयाग पासवान 2 दिन ही पहले राजद में शामिल हो चुके हैं। आगामी 10 मार्च तक अपने दल बल के साथ साधु भी राजद में शामिल हो जाएंगे।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia