आज की तानाशाह सरकार के खिलाफ एक और 'करो या मरो' आंदोलन की ज़रुरत: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि अपनी ज़िन्दगी की परवाह किए बग़ैर लाखों देशवासी भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़े। लगभग 940 लोग शहीद हुए और हजारों गिरफ्तार हुए। आज मैं उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी है, जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज तानाशाह सरकार के खिलाफ और देश की रक्षा के लिए एक और 'करो या मरो' जैसे आंदोलन की ज़रुरत है। तानाशाही, महंगाई और बेरोज़गारी को भारत छोड़ना ही होगा।

राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, इतिहास का वो पन्ना जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता- 'भारत छोड़ो’ आंदोलन”। उन्होंने 8 अगस्त 1942 को बॉम्बे से शुरू हुए इस आंदोलन ने अंग्रेज़ों की नींद उड़ा दी थी। अगस्त की उस शाम को बॉम्बे के गोवालिया टैंक मैदान में लोगों का जुटना शुरू हुआ, गांधी जी ने 'करो या मरो' का नारा दिया और बस हिंदुस्तान में अंग्रेज़ी हुकूमत का आख़िरी अध्याय शुरू हो गया।


कांग्रेस नेता ने कहा कि अपनी ज़िन्दगी की परवाह किए बग़ैर लाखों देशवासी इस आंदोलन में कूद पड़े, इस आंदोलन में लगभग 940 लोग शहीद हुए और हज़ारों गिरफ्तारियां हुई। आज, भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर मैं उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

राहुल गांधी ने कहा कि आज हिंदुस्तान की तानाशाह सरकार के खिलाफ और देश की रक्षा के लिए एक और 'करो या मरो' जैसे आंदोलन की ज़रुरत है, अब समय आ गया है जब, अन्याय के खिलाफ़, बोलना ही होगा। तानाशाही, महंगाई और बेरोज़गारी को भारत छोड़ना ही होगा।

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