दिल्ली में मंकीपॉक्स ने पसारे पैर! 24 घंटे में दो मामलों की पुष्टि से मचा हड़ंकप, नाइजीरियाई शख्स हुआ संक्रमित
दिल्ली में मंकीपॉक्स का ये तीसरा केस है। नाइजीरिया का एक और शख्स मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाया गया है। वहीं पूरे देश की बात करें तो देश भर में अबतक मंकीपॉक्स का 8वां केस सामने आया है।

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों के बीच अब मंकीपॉक्स ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। पिछले 24 घंटे में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। आपको बता दें, बीती रात एक नाइजीरियाई शख्स मंकीपॉक्स से संक्रमित हुआ था, उसके कुछ ही घंटे बाद एक नए मामले की पुष्टि हुई है।
दिल्ली में मंकीपॉक्स का ये तीसरा केस है। नाइजीरिया का एक और शख्स मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाया गया है। न्यूज एजेंसी ANI के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। इससे पहले सोमवार को भी 35 साल का एक नाइजारियाई शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। देश में यह मंकीपॉक्स का 8वां केस है।
खबरों की मानें तो उसने हाल में कहीं यात्रा नहीं की है। वहीं देश भर की बात करें तो अब तक आठ केस आए हैं। आपको बता दें, आज ही केरल में यूएई से लौटा 30 वर्षीय एक व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है, जिसके साथ ही राज्य में इस वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या पांच हो गई है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंगलवार को कहा कि व्यक्ति 27 जुलाई को कालीकट हवाई अड्डे पर विमान से उतरा था और मलप्पुरम जिले में एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। मंत्री ने कहा कि उसकी हालत स्थिर है। व्यक्ति के माता-पिता और उसके संपर्क में आए अन्य लोगों पर नजर रखी जा रही है।
मंकीपॉक्स को लेकर क्या है डॉक्टरों की राय?
एक हिंदी न्यूज वेबसाइट ने इंडिया मेडिकल टास्क फोर्स से जुड़े केरल के एक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव जयदेवन के हवाले से बताया है कि कोरोना के विपरीत मंकीपॉक्स तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है।
डॉक्टर जयदेवन ने कहा कि मंकीपॉक्स का वायरस मुख्य रूप से मरीज के पास होने या फिर शारीरिक संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाता है। ऐसे में जिन्होंने मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।
फोर्टिज एस्कॉर्ट्स अस्पताल में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डायरेक्टर डॉक्टर सुप्रदीप घोष कहते हैं कि मास्क लगाने से कोरोना को रोकने में मदद मिलती थी लेकिन मंकीपॉक्स वायरस के साथ ऐसा नहीं है। केवल संक्रमित मरीजों के साथ निकटता या फिर शारीरिक संपर्क से बचना होगा।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ईश्वर गिलाडा कहते हैं कि मंकीपॉक्स के ड्रॉपलेट्स या सतहों के माध्यम से फैलने की दूर तक कोई संभावना नहीं है और इस तरह का कोई मामला अबतक सामने नहीं आया है।
मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या कारण हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स नामक वायरस के कारण यह संक्रमण होता है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस समूह से संबंधित है। इस समूह के अन्य सदस्य मनुष्यों में चेचक और काउपॉक्स जैसे संक्रमण का कारण बनते हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स के एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले बहुत ही कम हैं। संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों या संक्रमित के निकट संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों में भी संक्रमण होने की आशंका रहती है।
मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या लक्षण हो सकते हैं?
WHO के मुताबिक मंकीपॉक्स संक्रमण का इनक्यूबेशन पीरियड (संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक) आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है, हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है।
संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी (लिम्फ नोड्स की सूजन), पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है। इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं। कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स से मौत के मामले 11 फीसदी तक हो सकते हैं। संक्रमण के छोटे बच्चों में मौत का खतरा अधिक रहता है।
मंकीपॉक्स से बचने के उपाय
मंकीपॉक्स का लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है
मंकीपॉक्स के लक्षण जैसे स्कीन में रैशेज हो तो, दूसरे के संपर्क में आने से बचना चाहिए
जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हैं, उनकी चादर, तौलिया या कपड़ों जैसी पर्सनल चीजों का इंस्तेमाल नहीं करना चाहिए
बार-बार अपने हाथों को साबुन या फिर सैनिटाइजर से साफ करते रहें
मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते ही घर के एक कमरे में अकेले रहें
अपने पालतू जानवरों से भी दूरी बनाकर रखने की जरूरत है
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