सेना प्रमुख ने चीन को दिया स्पष्ट संदेश- यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देंगे

चीन के साथ मौजूदा गतिरोध की स्थिति बताते हुए सेना प्रमुख ने कहा, 'पिछला साल सेना के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों के कारण कई क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया हुई, जो एक रचनात्मक कदम है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

सेना दिवस की पूर्व संध्या पर सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि भारतीय सेना देश की सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगी। सेना दिवस के अवसर पर बोलते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि सेना देश की सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए दृढ़ है।

सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा, "हम अपनी सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए दृढ़ हैं। इस तरह के प्रयासों के लिए हमारी प्रतिक्रिया तेज, कैलिब्रेटेड और निर्णायक रही है जैसा कि स्थिति की मांग के समय देखा भी गया है।''

चीन के साथ मौजूदा गतिरोध की स्थिति बताते हुए सेना प्रमुख ने कहा, 'पिछला साल सेना के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों के कारण कई क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया हुई, जो एक रचनात्मक कदम है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हाल ही में भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य-स्तरीय वार्ता हुई थी।'

भारत और चीन के बीच पिछले 22 महीने से सीमा विवाद चल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की शांति की इच्छा शक्ति से पैदा हुई है और इसे अन्यथा गलत नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि धारणाओं और विवादों में अंतर को समान और आपसी सुरक्षा के सिद्धांत पर आधारित स्थापित मानदंडों के माध्यम से सबसे अच्छा हल किया जाता है। शांति की हमारी इच्छा हमारी अंतर्निहित ताकत से पैदा होती है। इसे अन्यथा गलत नहीं माना जाना चाहिए।


पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थिति के बारे में बोलते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि स्थिति पिछले साल की तुलना में बेहतर है, लेकिन पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। जनरल नरवणे ने कहा कि लगभग 300-400 आतंकवादी भारत में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में कुल 144 आतंकवादी मारे गए।

वहीं, राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट करते हुए लिखा, "सेना के जवानों और पूर्व सैनिकों को सेना दिवस की बधाई। भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रही है। हमारे सैनिकों ने सीमाओं की रक्षा और शांति बनाए रखने में व्यावसायिकता, बलिदान और वीरता का प्रदर्शन किया है। राष्ट्र आपकी सेवा के लिए आभारी है। जय हिन्द!"

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सैन्य कर्मियों को शुभकामनाएं दीं। श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "सेना दिवस के अवसर पर मेरी शुभकामनाएं, विशेषकर हमारे शूरवीर सैनिकों, सम्मानीय पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों को। भारतीय सेना को उसकी वीरता और कर्तव्यपरायणता के लिए जाना जाता है। राष्ट्र की सुरक्षा में भारतीय सेना ने जो अमूल्य योगदान किया है, उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

इससे पहले दिन में, भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने सेना दिवस को चिह्न्ति करने के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और देश की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले जवानों को याद किया।

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