देश जब ऑक्सीजन के लिए हांफने लगा तो सामने आए पीएम, कहा- कोरोना की वेव तूफान बनकर आई है, देश को लॉकडाउन से बचाना है

ऐसे समय में जब पूरा देश ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा है, अस्पतालों में बेड नहीं हैं, जरूरी दवा नहीं है, और हर रोज ढाई लाख से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे, पीएम पहली बार देश के सामने आए और कहा कि कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि देश में लॉकडाउन नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन एकदम आखिरी विकल्प होना चाहिए और माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाने पर जोर होना चाहिए। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में आज (मंगलवार) रात कही। उन्होंने कहा कि सरकार को पता है कि देश में ऑक्सीजन की कमी है, सरकार को मालूम है कि अस्पतालों में बेड नहीं हैं, साथ ही कहा कि सरकार कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस बार देश को लॉकडाउन से बचाना है। राज्यों से भी अपील की कि लॉकडाउन आखिरी विकल्प होना चाहिए।

कोरोना की दूसरी वेव तूफान बनकर आई - पीएम

प्रधानमंत्री ने माना कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में तूफान बनकर आई है। उन्होंने कहा "कोरोना के खिलाफ देश आज फिर बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं और फिर ये कोरोना की दूसरी वेव तूफान बनकर आ गई। जो पीड़ा आपने सही है, जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे ऐहसास है।"


पीएम ने माना ऑक्सीजन की कमी और मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं

प्रधानमंत्री ने सीधे तो नहीं लेकिन संकेत में जरूर माना कि देश में ऑक्सीजन की कमी है। उन्होंने कहा, "इस बार कोरोना संकट में देश के अनेक हिस्से में ऑक्सीजन की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है। इस विषय पर तेजी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, प्राइवेट सेक्टर, सभी की पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिले।" यानी पीएम ने कहा यह तो सरकार को पता है कि क्या स्थिति है, और कोशिश की जा रही है कि स्थिति काबू में आए।

प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी राज्यों की

प्रधानमंत्री ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के बीच प्रवासी मजदूरों के पलायन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो भी जहां हैं, वहीं रहें। लेकिन जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर छोड़ दी कि राज्य सरकारें श्रमिकों की मदद करें और उनका भरोसा जगाए रखें।


प्रधानमंत्री ने सरकार के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें पहली मई से 18 वर्ष के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन देने की बात है। उन्होंने कहा, "हम सभी का प्रयास, जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास ये भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका, कम से कम प्रभावित हों। वैक्सीनेशन को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों के लिए शुरू करने से शहरों में जो हमारी वर्कफोर्स है, उसे तेजी से वैक्सीन उपलब्ध होगी।"

प्रधानमंत्री के देश के नाम संबोधन से जो बातें निकलकर सामने आती हैं वह यह है कि सरकार को पता है कि हालात बेहद खराब हैं, कोरोना की दूसरी लहर तूफान की तरह है, देश में ऑक्सीजन की कमी है, और इस सबकी जिम्मेदारी अब राज्य सरकारों और आम लोगों की है। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने का आग्रह किया और कहा है कि सरकार जो कर सकती है कर रही है।

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