रेप केस में दोषी आसाराम जेल की कोठरी में, लेकिन साथियों की हुई बल्ले-बल्ले!

आसाराम के सहयोगी के शरत चंद्रा से पहले संचिता गुप्ता उर्फ शिल्पी की सजा को राजस्थान हाई कोर्ट ने 29 सितंबर को निलंबित कर दी थी। शिल्पी के साथ-साथ शरत चंद्रा को भी 20 साल कारावास की सजा दी गई थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में निचली कोर्ट से दोषी करार दिए गए आसाराम के सयहोगी शरत चंद्रा की सजा को निलंबित कर दी है। चंद्रा के वकील निशांत बोरा ने कहा, "चंद्रा जल्द ही जेल से बाहर होंगे, लेकिन उनको साल में एक बार तब तक अदालत में हाजिरी लगानी होगी जब तक सजा के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।" ऐसे में सजा के खिलाफ चंद्रा की अपील पर सुनवाई पूरी होने तक साल में एक बार अदालत में हाजिरी लगानी होगी।

शरत चंद्रा से पहले आसाराम के सहयोगी संचिता गुप्ता उर्फ शिल्पी की सजा को हाई कोर्ट ने 29 सितंबर को निलंबित कर दी थी। शिल्पी के साथ-साथ शरत चंद्रा को भी 20 साल कारावास की सजा दी गई थी।

निचली अदालत ने आसाराम को उनके छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में एक नाबालिग का यौन शोषण करने के लिए 25 अप्रैल को आजीवन सजा सुनाई थी। उनके दो सहयोगियों शिल्पी और शरत को भी 20 साल की सजा सुनाई गई थी।

तीनों ने अपनी-अपनी सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दो सह-आरोपियों की सजा निलंबित कर दी गई है, जबकि आसाराम की याचिका अदालत के समक्ष लंबित है। आसाराम के दो अन्य सहयोगी और मामले में सह-आरोपी शिवा और प्रकाश को निचली अदालत ने बरी कर दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद आसाराम को सीधे जोधपुर जेल ले जाया गया था। फिलहाल आसाराम जोधपुर जेल में हैं। वे कई बार अपनी बीमारियों का हवाला देकर कोर्ट से जमानत की मांग कर चुके हैं लेकिन, उन्हें अब तक जमानत नहीं मिली।

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