कमलेश तिवारी हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी: सूरत में रची गई साजिश, शेख ने रोहित सोलंकी का रूप धर ऐसे रचा षड्यंत्र!

कमलेश तिवारी की हत्या का आरोपी अशफाक शेख ने अपने सहयोगी के आधार कार्ड में तस्वीर को बदलकर रोहित सोलंकी का रूप धारण कर लिया था। इसी पहचान के आधार पर अशफाक शेख ने कमलेश तिवार के एक सहयोगी से जान पहचान की। उनसे हिंदू समाज पार्टी में अपनी अंदर तक पैठ बनाई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर रची गई साजिश के बारे में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस संबंध में गुजरात पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश बेहद शातिर तरीके से सूरत में रची गई थी। कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य दो आरोपियों में से एक के बारे में गुजरात पुलिस ने बड़ी जानकारी दी है। दो फरार आरोपियों में से एक अशफाक शेख फार्मा कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करता था। इसी दौरान उसने कंपनी के एक हिंदू सहकर्मी की पहचान को चुरा लिया। और उसकी पहचान का इस्‍तेमाल कर अशफाक शेख हिंदू समाज पार्टी में एक प्रचारक के रूप में शामिल हो गया।

पुलिस से मिली सूचना के मुताबिक, आरोपी अशफाक शेख ने अपने सहयोगी के आधार कार्ड में तस्वीर को बदलकर रोहित सोलंकी का रूप धारण कर लिया। इसी पहचान के आधार पर अशफाक शेख ने कमलेश तिवार के एक सहयोगी से जान पहचान की। इस दौरान उनसे हिंदू समाज पार्टी में अपनी अंदर तक पैठ बनाई। बताया जा रहा है कि अशफाक शेख ने हिंदू समाज पार्टी के गुजरात अध्यक्ष जैमिन दवे तक पहुंच बना ली थी। लगातार वह जैमिन दवे से संपर्क में रहता था। इस दौरान अशफाक शेक जैमिन दवे के सामने खुद को हिंदुत्‍व का कट्टर समर्थक साबित करने और उनका विश्वास जीतने में कामयाब हो गया। यहीं से उसने कमलेश तिवारी तक अपनी पहुंच बनाई और फिर हत्या की साजिश रची।


इस बीच पूरे घटनाक्रम और अशफाक शेख के कमलेश तिवारी की हत्या से जुड़े प्‍लान से रोहित सोलंकी पूरी तरह से अंजान था। अशफाक के हिंदू सहयोगी रोहित सोलंकी ने सोमवार को एक पुलिस शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने धोखाधड़ी के मामले की जांच की मांग की है।

रोहित सोलंकी के अनुसार, अशफाक शेख फार्मा कंपनी में उनका मैनेजर था। सोलंकी ने बताया कि वह कंपनी में एक एमआर के रूप में काम करते थे। रोहित सोलंकी ने बताय, “हम लोग साल 2017 से एक साथ काम कर रहे थे। सभी कर्मचारियों को जॉइनिंग के समय पर अपने दस्‍तावजों को कंपनी में जमा करना पड़ता है। उसी समय अशफाक शेख ने मेरा आधार कार्ड ले लिया होगा।”

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रोहित सोलंकी ने बताया कि वो और उनके दूसरे सहयोगी पिछले हफ्ते से शेख से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है। सोलंकी ने बताया कि अशफाक शेक का फोन बंद है। रोहित ने कहा कि हम यह सुनकर दंग हैं कि उसने मर्डर किया है।

वहीं पुलिस को इस बात का संदेह है कि जिस आधार कार्ड का इस्‍तेमाल अशफाक और उसके सहयोगी ने लखनऊ में होटल में कमरा बुक करने के लिए किया था वह भी फर्जी है। पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक, हत्‍याकांड की जड़ें अहमदाबाद से भी जुड़ी हुई हैं। अशफाक शेख का परिवार 2011 में अहमदाबाद से सूरत शिफ्ट हुआ था, जब सूरत में अशफाक की पत्‍नी को शिक्षक की नौकरी मिली थी।


बताया जा रहा है कि कमलेश तिवारी हत्‍याकांड के तीन अन्‍य साजिशकर्ता राशिद खान पठान, मौलाना मोहसिन और फैजान खान 16 अक्‍टूबर को अशफाक और एक अन्‍य संदिग्‍ध मोइनुद्दीन पठान को छोड़ने उधना रेलवे स्‍टेशन गए थे। बताया जा रहा कि उधना से यह लोग उद्योगकर्मी एक्‍सप्रेस से कानपुर पहुंचे। इसके बाद कानपुर से वे कार से लखनऊ पहुंचे। बताया जा रहा है कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद राशिद ने कथित रूप से नागपुर में मोहम्‍मद आसिम को फोन कर इस बात की जानकारी दी थी। उसने फोन पर कहा था कि 'काम हो गया है।' आसिम को महाराष्‍ट्र एटीएस ने रविवार को गिरफ्तार किया था।

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Published: 22 Oct 2019, 12:24 PM