अशोक गहलोत ने ट्रंप के बयानों पर पीएम मोदी की चुप्पी पर उठाया सवाल, पूछा- क्यों धारण किए हुए हैं मौन
उन्होंने कहा कि ट्रंप साहब इन बातों के बीच आ गए, उसे मैं बहुत खतरनाक मानता हूं। आज तक केंद्र में चाहे किसी की भी सरकार रही हो, यही रुख रहा है कि हम तीसरे पक्ष को बर्दाश्त नहीं करेंगे। चाहे कश्मीर मुद्दा हो या कोई और, हम पाकिस्तान के साथ सीधी बात करेंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर और कश्मीर जैसे मुद्दों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर केंद्र की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि भारत-पाक के मसले में ‘तीसरे पक्ष’ के दखल पर पीएम मोदी ने चुप्पी क्यों साध रखी है। उन्होंने कहा कि सरकार को ट्रंप की भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश को स्पष्ट रूप से खारिज करना चाहिए था। उन्होंने सरकार पर डैमेज कंट्रोल के लिए तिरंगा यात्रा निकालने का आरोप लगाया।
उन्होंने जयपुर में मीडिया से बातचीत में ट्रंप के उन बयानों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम करवाने का दावा करते हुए कश्मीर एवं व्यापार जैसे मुद्दों की बात की थी। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप ने संघर्षविराम, कश्मीर या व्यापार के बारे में जो कुछ भी बोला है...उससे पूरे देश में जबर्दस्त आक्रोश है। इसे बीजेपी सरकार समझ नहीं पा रही है। मेरा मानना है कि ऐसी स्थितियां रहीं तो बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गहलोत ने कहा, ‘‘लोगों को यह बहुत बुरा लगा है। मैं मोदीजी से पूछना चाहूंगा कि आपने अभी तक चुप्पी क्यों साध रखी है? आप अब भी क्यों नहीं कह रहे हैं कि कश्मीर मामले में कोई तीसरा पक्ष नहीं आएगा, यह सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच की बात है।’’
उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के मामले में ट्रंप का आने को वह बहुत खतरनाक मानते हैं और ट्रंप जबरदस्ती पंचायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप साहब इन बातों के बीच आ गए, उसे मैं इसे बहुत खतरनाक मानता हूं। आज तक केंद्र में चाहे किसी की भी सरकार रही हो, यही रुख रहा है कि हम तीसरे पक्ष को बर्दाश्त नहीं करेंगे। चाहे कश्मीर मुद्दा हो या कोई और, हम पाकिस्तान के साथ सीधी बात करेंगे।’’
अशोक गहलोत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष रखने के लिए जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को लेकर उठे विवाद के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह सरकार इस मामले में भी शरारत करने से नहीं चूकी। गहलोत ने कहा कि यह सरकार शरारत करने से चूकती नहीं है। यह मौका पूरे देश की एकजुटता दिखाने का है।
गहलोत ने आगे कहा कि इस तरह के मामलों में विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश अच्छी परंपरा नहीं है। पहलगाम जैसे मामलों के बाद देश एकजुट हुआ था, लेकिन बीजेपी ऐसी हरकतों से बाज नहीं आती। सरकार को पारदर्शी और जवाबदेह होना होगा, ताकि देश की जनता के सामने सच्चाई आ सके। पार्टी इस मुद्दे को जनता के सामने ले जाएगी और सरकार की नाकामियों को उजागर करेगी।
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