जुबिन गर्ग मौतः SIT ने 7 लोगों के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र, चार लोगों पर हत्या करने का आरोप
श्यामकानु महंत सिंगापुर में आयोजित किये गए उत्तर पूर्व भारत महोत्सव का मुख्य आयोजक था और इस कार्यक्रम में जुबिन गर्ग ने भाग लिया था। इसी महोत्सव में 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में गर्ग की मौत हो गई थी।

लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की मौत के मामले की जांच कर रहे असम पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को गुवाहाटी की एक अदालत में 7 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इनमें से चार लोगों पर जुबिन की हत्या करने का आरोप लगाया है। वकीलों ने बताया कि चार आरोपी श्यामकानु महंत, सिद्धार्थ शर्मा, शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतपर्व महंत हैं। जुबिन के चचेरे भाई और असम पुलिस के निलंबित अधिकारी संदीपन गर्ग पर आज सुबह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल किये गये 3,500 से अधिक पृष्ठों के आरोपपत्र में गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है।
एसआईटी चीफ और स्पेशल डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा, "...हमने आज सीजेएम कामरूप गुवाहाटी की कोर्ट में 7 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत चार्जशीट फाइल की है। वे हैं सिद्धार्थ शर्मा, श्यामकानु महंता, शेखर ज्योति गोस्वामी, अमृत प्रभा महंता, संदीपन गर्ग, नंदेश्वर बोहरा और परेश बैश्य। 4 आरोपियों के खिलाफ (मर्डर के चार्ज फ्रेम किए गए हैं) और 1 आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का चार्ज लगाया गया है। मेन चार्जशीट करीब 2,500 पेज की है, और इसमें कई डॉक्यूमेंट्स हैं। तो, अगर हम इन्हें मिलाएं, तो यह 12,000 पेज की हो जाएगी..."
श्यामकानु महंत सिंगापुर में आयोजित किये गए उत्तर पूर्व भारत महोत्सव का मुख्य आयोजक था और इस कार्यक्रम में जुबिन गर्ग ने भाग लिया था। इसी महोत्सव में 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में गर्ग की मौत हो गई थी। असम सरकार ने गर्ग की मौत की जांच के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एम पी गुप्ता के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हाल में संपन्न विधानसभा सत्र में दावा किया था कि गर्ग की मौत 'स्पष्ट रूप से हत्या' थी। वहीं सिंगापुर पुलिस बल (एसपीएफ) भी गर्ग की मौत की जांच कर रहा है। एसपीएफ ने एक बयान में कहा था कि प्रारंभिक जांच में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का संकेत नहीं मिला है और मामले की जांच में और तीन महीने तक का समय लग सकता है।
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